SDM अफसर ने पेश की मिसाल: बेटे की शादी में ठुकरा दी 21 लाख की गाड़ी और 11 लाख कैश, रो पड़ी दुल्हन...

कोटा (राजस्थान). आज भी देश में ऐसे कई परिवार हैं जो दहेज की वजह से एन वक्त पर शादी तोड देते हैं। या फिर बाद में विवाहिताओं इसके लिए इतना प्रताड़ित किया जाता है कि आखिर में वह अपनी जान दे देती हैं। लेकिन राजस्थान में एक एसीडीएम अफसर रामसुख गुर्जर ने दहेज को लेकर मानवता की ऐसी मिसाल पेश की है। जिसकी हर कोई तारीफ कर रहा है। उन्होंने अपने बेटे मयंक की सगाई में लाखों रुपए और लग्जरी कार का ऑफर ठुकराकर सिर्फ शगुन के 101 रुपए लेकर सगाई की रस्म अदा की। यह सीन देखकर दुल्हन समेत उनके पिता की आंखों में भी आसूं आ गए।

Asianet News Hindi | Published : Feb 9, 2020 12:18 PM IST / Updated: Feb 09 2020, 07:00 PM IST
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SDM अफसर ने पेश की मिसाल: बेटे की शादी में ठुकरा दी 21 लाख की गाड़ी और 11 लाख कैश, रो पड़ी दुल्हन...
दरअसल, रावतभाटा एसडीएम रामसुख गुर्जर के इंजीनियर बेटे मयंक की सगाई सूरत के बड़े कारोबारी प्रकाश अबाना की बेटी मुक्ता के साथ 7 फरवरी को अजमेर में हुई थी। जहां प्रकाश अबाना ने सगाई समारोह में अपनी हैसियत के मुताबिक 11 लाख रुपए नकद रखे और 25 लाख रुपए की कार का प्रस्ताव दिया, लेकिन रामसुख गुर्जर ने बेटे के विवाह में दहेज लेने से साफ मना कर दिया। शगुन के बतौर मात्र 101 रुपए स्वीकार किए।
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पहले तो पिता-पुत्र ने जब कार व नकदी लेने से मना किया तो लड़की वाले और सगाई में आए मेहमान हैरत में पड़ गए। फिर जब असलियत पता चली तो सभी ने उनके इस कमद की तारीफ की। दूल्हे और उनके पिता के इस फैसले से दुल्हन के पिता समेत अन्य परिजनों की आंखों से आंसू आ गए।
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पहले तो पिता-पुत्र ने जब कार व नकदी लेने से मना किया तो लड़की वाले और सगाई में आए मेहमान हैरत में पड़ गए। फिर जब असलियत पता चली तो सभी ने उनके इस कमद की तारीफ की। दूल्हे और उनके पिता के इस फैसले से दुल्हन के पिता समेत अन्य परिजनों की आंखों से आंसू आ गए।
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सगाई समारोह में आए हर शख्स ने दूल्हे के पिता की जमकर सराहना की। सब दिल से एक ही बात बोले- अगर आप से जैसे लोग सभी हो जाएं तो दहेज जैसी कूप्रथा हमारे देश से मिट जाएगी और कई बेटियों की जान बच जाएगी। विधायक राजेंद्रसिंह बिधु ने कहा- रामसुख गुर्जर ने एक अनुकरणीय पहल की है। हमको उसने इस बात की सीख लेना चाहिए।
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एसडीएम रामसुख गुर्जर का कहना कि उन्होंने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के दहेज नहीं लेने के संकल्प को दोहराया है। राजस्थान के मुख्यमंत्री विवाह समारोहों को लेकर कई बार सीख दे चुके हैं। गहलोत दहेज प्रथम के खिलाफ तो हैं ही साथ ही महंगी शादी के विरूद्ध भी है। रावतभाटा के एसडीएम गुर्जर ने मुख्यमंत्री की सोच को ही आगे बढ़ाया है।
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जहां दूल्हा इंजीनियर है तो वहीं दुल्हन एमकॉम, बीएड है। मंयक और मक्ता रविवार को सूरत में सात पेरे लेकर पति-पत्नी बन जाएंगे।
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