आतंकी हमले में दीपचंद घायल हो गए थे। उन्हें फौरन अस्पताल ले जाया गया, लेकिन बचाया नहीं जा सका। घटना से एक दिन पहले ही रात को उन्होंने अपनी पत्नी सरोज देवी को फोन करके बताया था कि उन्हें 11 जुलाई से छुट्टी मिल गई है। इस बार वे बच्चों के साथ गांव जाएंगे। इससे पहले यही बात शहीद ने अपनी मां प्रभादेवी को बताई थी। दीपचंद मूलत: सीकर जिले के बावड़ी गांव के रहने वाले थे। उनकी पत्नी और बच्चे अजमेर में सीआरपीएफ क्वार्टर में रहते हैं। बच्चे यही पढ़ते हैं। दीपचंद की शादी 2004 में हुई थी। उनके जुड़वां बेटे विनय-विनीत हैं। दोनों पांचवीं में पढ़ते हैं। 13 साल की एक बेटी कुसुम है। यह अभी 7वीं में पढ़ती है। तस्वीर में दिखाई दे रहे शख्स बशीर अहमद खान हैं, जिनकी गोली लगने से मौत हो गई थी, जबकि इनसेट में शहीद दीपचंद