Published : Jun 02, 2020, 01:48 PM ISTUpdated : Jun 02, 2020, 02:06 PM IST
जयपुर, राजस्थान. भारत का इतिहास काफी समृद्ध रहा है। अगर सिर्फ राजस्थान की बात करें, तो राजस्थान यूं ही रंगीला नहीं कहा जाता। यह अपने में सांस्कृतिक और सामाजिक विरासत के कई खूबसूरत रंग समेटे हुए है। इन दिनों कोरोना ने सारी दुनिया को परेशान कर रखा है। लोग घर से बाहर नहीं निकल सकते। बेशक लॉकडाउन अब धीरे-धीरे खुलता जा रहा है, लेकिन सैर-सपाटे के लिए बाहर जाना अभी संभव नहीं है। ये तस्वीरें आपको दिखाने का यही मकसद है कि आप कोरोना के माहौल में खुशी महसूस कर सकें। बेशक राजस्थान घूमने नहीं जा सकते, लेकिन इन तस्वीरों के जरिये रंगीले राजस्थान की झलक देख सकें। आपको बता दें कि राजस्थान का इतिहास पूर्व पाषाणकाल से प्रारंभ होता है। ऐसा पुरातत्वविद बताते हैं। कहते हैं कि अतिप्राचीनकाल में उत्तर-पश्चिम राजस्थान आज जैसा बीहड़ या मरस्थल नहीं था। यहां पहले सरस्वती और दृशद्वती जैसी नदियां बहा करती थीं। खैर, लगातार हुए आक्रमण के बाद राजस्थान में मिलीजुली संस्कृति जन्मी। आइए देखते हैं कुछ खूबूसूरत तस्वीरें..
पहली तस्वीर जोधपुर में जसवंत थाडा स्मारक की है। इसके पीछे मेहरानगढ़ का किला दिखाई दे रहा है। यह तस्वीर 2017 में खींची गई थी। दूसरी तस्वीर जयपुर के आमेर किले की है।
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जयपुर के हवामहल की यह तस्वीर 1980 में खींची गई थी। हवा महल 1799 में बनवाया गया था।
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यह तस्वीर बूंदी की है। यह तस्वीर 2019 की है।
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यह तस्वीर माउंट आबू के बाजार की है। यह तस्वीर 1930 में खींची गई थी।
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यह तस्वीर आमेर के किले की है। इसे 2017 में खींचा गया था।
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यह तस्वीर जैसलमेर की एक पुरानी हवेली की है। यह तस्वीर 2019 की है।
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यह तस्वीर जोधपुर की है। यह तस्वीर 2019 की है।
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यह तस्वीर बूंदी से कोटा जाती ऊंटगाड़ी 'बस' की तस्वीर है। इसे 1919 में खींचा गया था।
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जयपुर में रंगरेज अपना काम करते हुए। यह तस्वीर 1926 में खींची गई थी।
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यह तस्वीर जयपुर के करीब स्थित आमेर महिला की एक बहुत पुरानी तस्वीर है।
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यह तस्वीर चित्तौड़गढ़ के बर्बाद महल की है। इसे 1930 में खींचा गया था।
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जयपुर में चरखा चलाती एक महिला।
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यह तस्वीर बूंदी के तारागढ़ किले की है। इसे 2019 में खींचा गया था।