कुछ बड़ा सोचा और 5 साल के भीतर खड़ी कर दी भारत की टॉप 200 में शामिल अपनी कंपनी, टर्न ओवर 11000 करोड़ रुपए

जयपुर, राजस्थान. जिंदगी में हमेशा बड़ा सपना देखना चाहिए, तभी कुछ हासिल किया जा सकता है। ऐसा ही एक बड़ा सपना देखा गौरव मुंजाल और रोमन सैनी ने। रोमन सैनी ने इसके लिए IAS की नौकरी छोड़ दी। वहीं, गौर मुंजाल एक मल्टीनेशनल कंपनी में बड़ी पोस्ट पर थे। जब 5 साल पहले उन्होंने अपनी-अपनी जॉब छोड़कर खुद की कंपनी अनएकेडमी की नींव रखी, तब लोगों को हैरान हुई। कुछ लोगों ने मजाक उड़ाया कि अच्छी भली नौकरी छोड़ने की क्या तुक? लेकिन दोनों दोस्तों ने तो कुछ धमाल करने की ठान ली थी। आज उनकी कंपनी भारत की 200 टॉप कंपनियों के क्लब में शामिल है। अनएकेडमी दुनियाभर में ऑनलाइन एजुकेशन प्लेटफॉर्म उपलब्ध कराती है। इस मामले में यह वर्ल्ड में 6th पोजिशन पर है। पढ़िए दो दोस्तों की सफलता की कहानी...

Asianet News Hindi | Published : Sep 11, 2020 6:40 AM IST / Updated: Sep 11 2020, 12:12 PM IST

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कुछ बड़ा सोचा और 5 साल के भीतर खड़ी कर दी भारत की टॉप 200 में शामिल अपनी कंपनी, टर्न ओवर 11000 करोड़ रुपए

बता दें कि अनएकेडमी आईपीएल की पार्टनर भी है। यह कंपनी 18000 एजुकेटर के जरिये 35 प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कराती है। यूट्यूब पर कंपनी के 4.4 मिलियन से ज्यादा सबस्क्राइबर हैं।

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अनएकेडमी का हेड क्वार्टर बेंगलुरु में है। मौजूदा समय में अनएकेडमी की वैल्यूएशन 11000 करोड़ रुपए(1.45 बिलियन डॉलर) है। 

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बता दें कि फेसबुक, साफ्ट बैंक और जनरल एटलांटा जैसी कंपनियों ने अनएकेडमी में इन्वेस्ट किया है। फोर्ब्स इंडिया की 2018 की अंडर 30 की लिस्ट में गौरव मुंजाल और रोमन सैनी को जगह मिली थी।

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गौरव मुंजाल: जयपुर के रहने वाले गौरव मुंजाल की एजुकेशन सेंट जैवियर्स से हुई। इन्होंने कम्प्यूटर इंजीनियरिंग में बीटेक किया है। इसके बाद एक मल्टीनेशनल कंपनी में ऊंची पोस्ट पर जॉब करने लगे। लेकिन उनका सपना था कि वे ऑनलाइन एजुकेशन प्लेटफार्म में आकर कुछ करें। इसलिए जॉब छोड़कर रोमन सैनी के साथ अनएकेडमी की नींव रखी। इनके पिता ईश मुंजाल जयपुर के नामी डॉक्टर हैं।

रोमन सैनी: ये सिर्फ 22 साल की उम्र में 18वीं रैंक हासिल कर IAS बने थे। ये जयपुर जिले की कोटपुतली तहसील के गांव रायकरनपुर के रहने वाले हैं।  इन्होंने 16 साल की उम्र में AIIMS का एग्जाम भी पास किया था। ये 2014 में मध्य प्रदेश कैडर के आईएएस बने थे। रोमन सैनी की पहली पोस्टिंग जबलपुर में सहायक कलेक्टर के पद पर हुई थी।

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रोमन सैनी कहते हैं कि वे हमेशा से कुछ नया करना चाहते थे। इसलिए IAS की नौकरी छोड़कर गौरव के साथ कंपनी की नींव रखी।

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