नागौर, राजस्थान. यूपी के गैंगस्टर विकास दुबे का एनकाउंटर मीडिया की सुर्खियों में है। अपने घर पर दबिश देने पहुंची पुलिस को घेरकर गोलीबारी करने वाले इस गैंगस्टर को पकड़ने कई राज्यों की पुलिस लगी हुई थी। विकास दुबे 8 पुलिसवालों की गोली मारकर हत्या करने के बाद से फरार था। उसे मप्र के उज्जैन स्थित महाकाल मंदिर से पकड़ा गया था। कानपुर ले जाते समय उसका एनकाउंटर कर दिया गया। पुलिस का तर्क है कि वो भागने की कोशिश कर रहा था। विकास के एनकाउंटर ने कई पुराने एनकाउंटर की याद ताजा करा दी। इसमें एक है राजस्थान के दुर्दांत गैंगस्टर आनंदपाल का एनकाउंटर। इसे 24 जून, 2017 को मार गिराया गया था। यह विकास दुबे से भी ज्यादा खतरनाक था। मुठभेड़ के दौरान भी इसने सरेंडर न करते हुए एके-47 जैसी राइफल से पुलिस पर ताबड़तोड़ गोलियां बरसाई थीं। आनंदपाल पर भी विकास की तरह 5 लाख रुपए का इनाम घोषित किया गया था। हालांकि दोनों ही मामलों इन गैंगस्टर को राजनीति संरक्षण मिले होने की चर्चाएं हैं। आनंदपाल के एनकाउंटर के वक्त उसके समाज के हजारों लोगों ने आगजनी करते हुए आंदोलन किए थे। आनंदपाल नागौर के अपने बंकरनुमा किले में अपनी प्रेमिका के साथ रहता था। पुलिस से बचने जैसा इंतजाम विकास ने कर रखा था, ठीक वैसे ही आनंदपाल ने भी। लेकिन आनंदपाल के बारे में यह भी कहा जाता है कि वो अपने समुदाय के लोगों की खूब मदद किया करता था। आगे पढ़िए बाकी की कहानी..