वो आखिरी का 1 सेकंड, जब मिल्खा सिंह ने एशिया के सबसे तेज धावक पाकिस्तान के अब्दुल खालिक को हराया

पूर्व भारतीय लीजेंड स्प्रिंटर मिल्खा सिंह का कोरोना की वजह से निधन हो गया। वे 91 साल के थे। उनका 15 दिनों से चंडीगढ़ पीजीआई में इलाज चल रहा था। 20 नवंबर 1929 को गोविंदपुर (अब पाकिस्तान का हिस्सा) के सिख परिवार में मिल्खा सिंह ने जन्म लिया।1960 में उन्होंने लाहौर में खालिक को हरा दिया, जिसके बाद पाकिस्तान के अंतरिम प्रधान मंत्री फील्ड मार्शल अयूब खान ने उन्हें 'फ्लाइंग सिख' नाम दिया। जानें एशिया के सबसे तेज धावक पाकिस्तान के अब्दुल खालिक को मिल्खा सिंह ने कैसे हराया था...
 

Asianet News Hindi | Published : Jun 19, 2021 4:12 AM IST / Updated: Jun 19 2021, 10:39 AM IST
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वो आखिरी का 1 सेकंड, जब मिल्खा सिंह ने एशिया के सबसे तेज धावक पाकिस्तान के अब्दुल खालिक को हराया

मिल्खा सिंह ने पहली बार 1958 के टोक्यो खेलों में भाग लिया
मिल्खा सिंह ने पहली बार 1958 के टोक्यो खेलों में भाग लिया, जहां उन्होंने 200 मीटर में गोल्ड जीता। उन्होंने खिताब जीतने के लिए 21.6 सेकेंड में दौड़ पूरी की। मिल्खा ने फाइनल में पाकिस्तान के अब्दुल खालिक को हराया था।
 

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जब पहली बार खालिक और मिल्खा सिंह एक दूसरे से मिले
1958 में जब मिल्खा सिंह ने पहली बार खेलों में भाग लिया था, तब पाकिस्तान के अब्दुल खालिक 100 मीटर की दौड़ में एशिया के सबसे तेज धावक थे। यह पहला मौका था जब मिल्खा सिंह और खालिक एक दूसरे से मिले। 

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पहली बार मिल्खा सिंह, खालिक से एक होटल में मिले। उस मुलाकात के दौरान खालिक ने कहा था कि उन्हें नहीं पता कि मिल्खा सिंह जैसे कितने एथलीटों को उन्होंने हराया है। उन दोनों के बीच कोई मुकाबला नहीं है। अगले ही दिन मिल्खा सिंह ने 400 मीटर में गोल्ड जीता।
 

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खालिक ने 100 मीटर में गोल्ड जीता था और अपने नाम पर नया एशियाई रिकॉर्ड बनाया। अगले ही दिन खालिक को 200 मीटर फाइनल में हिस्सा लेना था। इसमें 6 अलग-अलग देशों के एथलीट थे, लेकिन मिल्खा और खलीक में मुख्य मुकाबला था।

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अगले दिन जब 200 मीटर की दौड़ शुरू हुई तो मिल्खा और खालिक पहले 100 मीटर तो साथ-साथ दौंड़े। लेकिन आखिरी वक्त में मिल्खा सिंह ने खालिक को पीछे छोड़ दिया।
 

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रेस के आखिरी वक्त का रोचक था सीन
मिल्खा सिंह ने अपनी किताब 'द रेस ऑफ माई लाइफ' में इस रेस का जिक्र किया है। उन्होंने लिखा है, दोनों की नजर एक-दूसरे पर थी। रेस इतनी करीब थी कि कोई भी जीत सकता था। फिनिश लाइन से ठीक पहले मिल्खा सिंह के दाहिने पैर में खिंचाव आ गया था, लेकिन वे फिर भी दौड़े और दर्द से फिनिशिंग लाइन पर गिर गए। उसी क्षण खलीक ने भी फिनिश लाइन को पार कर लिया। 
 

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1 सेकेंड से हुआ था हार जीत का फैसला
मिल्खा सिंह को विनर घोषित करने से पहले जज तस्वीरों को अलग-अलग एंगल से देखा। फिर विनर घोषित किया। ये रेस जीतने के लिए मिल्खा सिंह ने 21.6 सेकेंड का समय लिया, जबकि खालिक ने 21.7 सेकेंड का समय लेकर दौड़ पूरी की।

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