आसमान में दिखी भगवान शिव की तीसरी आंख, किसी ने कहा- भगवान के हाथ का पंजा..जानें क्या है इसके पीछे मिस्ट्री

नई दिल्ली. धरती पर जितनी रहस्यमयी जगहें हैं उससे कहीं ज्यादा रहस्यमयी स्पेस यानी अंतरिक्ष है। ये आश्चर्य और अजूबों से भरा पड़ा है। कहीं मंत्रमुग्ध कर देने वाली आकृति तो कहीं पर डरावनी तस्वीरें। जिन्हें देखकर उनके बारे में जानने का मन होता है। लेकिन कई आकृतियां तो ऐसी होती हैं जिनके बारे में अभी वैज्ञानिक पता लगा रहे हैं। उन्हें ने इन आकृतियों के बारे में बहुत ज्यादा नहीं पता। हाल ही दिनों में स्पेस की एक तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है। तस्वीर में दिख रही आकृति को भगवान के हाथ का पंजा नाम दिया गया है। ये तस्वीर है भी हाथ के पंजे जैसी। जिसे देखने पर ऊंगलियां दिखाई पड़ती हैं। क्या है तस्वीर के पीछे की मिस्ट्री...

Asianet News Hindi | Published : Sep 27, 2021 8:26 AM IST / Updated: Sep 27 2021, 01:58 PM IST

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आसमान में दिखी भगवान शिव की तीसरी आंख, किसी ने कहा- भगवान के हाथ का पंजा..जानें क्या है इसके पीछे मिस्ट्री

नासा और इससे जुड़ी स्पेश एजेंसियां ऐसी कई तस्वीरें सोशल मीडिया पर डालती रहती हैं। ये तस्वीर भी उन्हीं में से एक है। तस्वीर को भगवान के हाथ से जोड़ा गया है। फोटो में गोल्डन स्ट्रक्चर दिखाया गया है। इस चमक के पीछे काला अंधेरा है। आकृति को देखकर लगता है कि ये किसी शून्य से निकली है।  

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नासा ने इस तस्वीर को एक्सप्लेन किया। ये गोल्डन स्ट्रक्चर पल्सर के छूटने से निकली है। ये नेबुला की ऊर्जा से बनी है। ये पल्सर किसी तारे के टूटने से बना होगा। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस पंजे की चौड़ाई करीब 19 किलोमीटर है। ये हर सेकंड में सात बार घूम रहा है। 

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सोशल मीडिया पर लोग इस तस्वीर को देखकर दंग हैं। कई लोग इसे मिडास का हाथ कह रहे हैं। एक यूजर ने तो इसे लेकर राजा की परी स्टोरी का जिक्र किया और कहा कि ये जिस भी जीच को स्पर्श करेगी वह सोने में बदल जाएगी। 

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एक अन्य यूजर ने कहा, आप इस आकृति को कैसे नाप सकते हैं। जब ये धरती से 17000 लाइट ईयर दूर है। एक यूजर ने तो इसे भगवान शिव की तीसरी आंख बता दिया। इसमें भगवान शिन एक बाली पहन रखी है। इस तस्वीर को 25 हजार से ज्यादा लाइक्स मिल चुके हैं।

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मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, ये एक सुपरनोवा विस्फोट था, जिसकी रोशनी करीब 1700 साल पहले धरती पर पहुंची थी। तारे के विस्फोट से कई बार पल्सर बनते हैं। इन्हें खत्म होने में काफी टाइम लगता है। ये आकृति भी धीरे-धीरे खत्म हो जाएगी। 

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