पुणे में मिला कोरोना का नया स्ट्रेन, खतरनाक है वायरस का ये वैरिएंट, जानें क्या हैं इसके लक्षण

Published : Jun 08, 2021, 12:24 PM IST

पुणे. पुणे की नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी (national Institute of Virology) ने कोरोना वायरस का नया  वैरिएंट B.1.1.28.2 मिला है। यह वैरिएंट ब्रिटेन और ब्राजील की यात्रा करके भारत आए लोगों में पाया गया है। टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार, वैरिएंट की स्टडी के बाद पाया गया कि इसके गंभीर लक्षण हैं। आइए जानते हैं इन नए वैरिएंट के बारे में।

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पुणे में मिला कोरोना का नया स्ट्रेन, खतरनाक है वायरस का ये वैरिएंट, जानें क्या हैं इसके लक्षण

कहां पब्लिश हुए हैं रिपोर्ट
इस वैरिएंट में वैक्‍सीन का असर होगा या नहीं इसके लिए स्‍क्रीनिंग की जरूरत है। नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी की यह स्‍टडी bioRxiv में ऑनलाइन पब्लिश हुई है।

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क्या वैक्सीन का असर होगा
स्‍टडी में बताया गया कि कोवैक्सिन इस वैरिएंट के खिलाफ असरदार है। वैक्‍सीन की दोनों डोज से जो एंटीबॉडीज बनती हैं, उससे इस वैरिएंट के खिलाफ असरदार है। स्डटी में सार्स-कोव-2 वेरिएंट जीनोम सिक्वेंसिंग पर जोर दिया है ताकि उनकी रोगजनकता और प्रतिरक्षा से बचने की क्षमता को समझकर उनके लिए उपायों की तैयारी की जा सके।
 

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क्या हैं कोरोना के नए वैरिएंट के लक्षण
B.1.1.28.2 वैरिएंट से संक्रमित होने पर व्यक्ति का वजन कम होने लगता है। इसके संक्रमण के तेजी से फैलने पर मरीज के फेफड़े डैमेज हो जाते हैं। यह वैरिएंट फेफड़ों में घाव और उनमें भारी नुकसान की वजह बन सकता है।

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सैम्‍पल्‍स सीक्‍वेंस हुए
जीनोम सीक्‍वेंसिंग लैब्‍स ऐसा वैरिएंट के बारे में रिसर्च कर रही है जिससे ये पता लगाया जा सके की संक्रमण के मामले अचानक क्यों बढ़े? इंडियन सार्स-कोव-2 जीनोम सीक्वेंसिंग कंसोर्टिया के तहत 10 नेशनल लैब्‍स ने करीब 30 हजार सैम्‍पल्‍स सीक्‍वेंस किए हैं।  केंद्र सरकार भी जीनोम सीक्‍वेंसिंग के लिए संसाधनों को बढ़ाने का काम कर रही है। इसी के मद्देनजर हाल ही में कंसोर्टियम में 18 और लैब्‍स जोड़ी गई हैं।

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देश में कोरोना के मामले
कोरोना के नये मामलों में गिरावट आ रही है। पिछले 24 घंटे में सिर्फ 87 हजार से अधिक केस मिले हैं। यह 63 दिनों बाद सबसे कम आंकड़ा है। वहीं, मौतों पर भी अंकुश लगता जा रहा है। पिछले 24 घंटे में 2115 लोगों ने जान गंवाई। यह 46 दिनों बाद सबसे कम आंकड़ा है। 

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