साउथ अफ्रीका ने क्यों कहा, कोरोना के नए वेरिएंट Omicron से डरने की जरूत नहीं है, बताईं 5 बड़ी वजहें

नई दिल्ली. कोरोना के नए वेरिएंट ओमीक्रोन (Omicron) ने एक बार फिर से दहशत फैलाना शुरू कर दिया है। शुरुआत साउथ अफ्रीका (South Africa) से हुई। यहीं पर इस वेरिएंट का पहला केस मिला। दुनिया के कई देशों ने अपने यहां इंटरनेशनल फ्लाइट पर रोक लगा दी है, जिससे साउथ अफ्रीका से ओमीक्रोन उनके देश में न आ सके। हालांकि, इन सबके बीच साउथ अफ्रीका ने दुनिया के नाम एक संदेश दिया है। उन्होंने कहा कि ओमीक्रोन से घबराने की जरूरत नहीं है। शांत रहें। बस सावधानी बरतें। मन में सवाल आ रहा होगा कि आखिर जिसे वेरिएंट से दुनिया इतनी ज्यादा डरी हुई है। 30 गुना ज्यादा स्पीड से फैल रहा है, उसे लेकर साउथ अफ्रीका इतना कूल रिएक्ट क्यों कर रहा है। क्यों कह रहा है कि शांत रहिए...?
 

Vikas Kumar | Published : Nov 29, 2021 1:16 PM IST / Updated: Nov 29 2021, 06:49 PM IST

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साउथ अफ्रीका ने क्यों कहा, कोरोना के नए वेरिएंट Omicron से डरने की जरूत नहीं है, बताईं 5 बड़ी वजहें

हॉस्पिटल में मरीजों की संख्या-मौत का आंकड़ा कम
साउथ अफ्रीका के डॉक्टर्स ने कहा, ये सच है कि साउथ अफ्रीका में ओमीक्रोन का पहला केस मिला। लेकिन इससे घबराने की जरूरत नहीं है। यहां मामले बढ़ रहे हैं, लेकिन हॉस्पिटल में भर्ती होने की संख्या और मौत का आंकड़ा कम है। देश के गौतेंग प्रांत में लगभग 82% नए मामले दर्ज किए गए। वैज्ञानिकों ने कहा कि नए वेरिएंट पर कुछ भी कह पाने के लिए अभी एक से दो हफ्ते का समय लग सकता है। दक्षिण अफ्रीका में एक दिन में ओमिक्रॉन के 77 नए पुष्ट मामले सामने आए। 

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ओमीक्रोन से सबसे ज्यादा कौन लोग संक्रमित हुए
देश के स्वास्थ्य प्रमुख ने कहा कि अधिकांश संक्रमित लोग वे हैं जिन्हें वैक्सीन नहीं लगी है। वे भीड़ भाड़ वाले जगहों पर रहते हैं। एक हफ्ते पहले ही दुनिया को कोरोना के नए वेरिएंट की खबर देने वाले साउथ अफ्रीका ने बताया कि एक हफ्ते पहले तक देश में केवल 887 नए कोविड मामले और 10 मौतों का आंकड़ा था। लेकिन अब नए मामले लगभग चौगुने हो गए है। लेकिन मौत के आंकड़ा 10 से 8 पर आ गए हैं। 

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2 से 3 दिन में ओमीक्रोन के मरीज ठीक हो जा रहे
साउथ अफ्रीका में ओमीक्रोन से संक्रमित मरीजों को लेकर एक अच्छी बात ये है कि वे दो से तीन दिन में ठीक हो जा रहे हैं। इतना ही नहीं, उन्हें हॉस्पिटल नहीं ले जाना पड़ रहा है। वे घर पर रहकर ही ठीक हो रहे हैं। 

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ओमिक्रॉन से हॉस्पिटल में भर्ती होने का कोई रिकॉर्ड नहीं
साउथ अफ्रीका में लगभग 82 प्रतिशत नए मामले गौतेंग प्रांत से आए हैं, जिसमें प्रिटोरिया और जोहान्सबर्ग की राजधानी और आसपास के कई टाउनशिप शामिल हैं। यहां बहुत ही सघन बस्तियां हैं। वैक्सीनेशन की दर भी कम है। यहां ओमिक्रॉन से हॉस्पिटल में भर्ती होने का कोई रिकॉर्ड नहीं है। पिछले 24 घंटों में साउथ अफ्रीका के हॉस्पिटल में सिर्फ 30 नए कोविड रोगी भर्ती हुए हैं।

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साउथ अफ्रीका ने कहा- ओमीक्रोन से घबराने का नहीं
साउथ अफ्रीका मेडिकल एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉक्टर एंजेलिक कोएट्जी ने बताया कि इस वक्त हम साउथ अफ्रीका में जो देख रहे हैं वह बेहद हल्का है। यह पूछे जाने पर कि क्या ब्रिटेन अनावश्यक रूप से घबरा रहा है। उन्होंने कहा कि मैं हां कहूंगी। उन्होंने कहा, घबराने की जरूरत नहीं है। दो हफ्ते बाद शायद कुछ अलग जानकारी मिले। लेकिन शुरुआती लक्षणों में इतना ज्यादा परेशान होने की जरूरत नहीं है। डॉक्टर कोएट्जी ने यह भी बताया कि ओमीक्रोन के मरीज घर पर हैं। दो से तीन दिनों के भीतर वे ठीक हो जा रहे हैं। 

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अभी मरीजों की निगरानी करें, 2 हफ्ते में आएगा रिजल्ट
अफ्रीका टास्क फोर्स फॉर कोरोन वायरस के एक सलाहकार प्रोफेसर सलीम करीम ने कहा, अभी हम नए वेरिएंट को लेकर कुछ भी कहने की स्थिति में नहीं हैं। हां ऐसा लग रहा है कि हम चौथी लहर की ओर बढ़ रहे हैं। अभी करीब दो हफ्ते बाद कुछ रिजल्ट सामने आ सकते हैं। तब तक बढ़ रहे मामलों की निगरानी करनी चाहिए। वहीं हम कर रहे हैं। 

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