Published : Oct 23, 2021, 10:10 AM ISTUpdated : Oct 23, 2021, 10:11 AM IST
न्यूयॉर्क. बच्चों के सोने के तरीके से भविष्य में उनके हेल्थ के बारे में जान सकते हैं। इस बात का खुलासा एक स्टडी में हुआ है। दरअसल, बच्चों के सोने का तरीका अलग-अलग होता है। कुछ बच्चे दाएं साइड से सोते हैं तो कुछ बाएं। कुछ पीठ उपर कर के सोते हैं तो कुछ पूरी रात बेड पर चक्कर काटते रहते हैं। बच्चों में सोने की ये अलग-अलग आदतें ऐसे ही नहीं आती हैं। इसके पीछे वजह होती है। इन्हीं वजहों को जानने के लिए स्टडी की गई। तब पता चला कि इन सोने के तरीकों से बच्चों की हेल्थ रिपोर्ट का पता लगाया जा सकता है। बच्चों की सेहत पर सोने का क्या ्असर पड़ता है...?
आपका बच्चा रात में कितनी अच्छी तरह सोता है, यह भविष्य में उसके हेल्थ का एक महत्वपूर्ण संकेत है। एक स्टडी में पाया गया है कि जो बच्चे अपने जीवन के पहले महीनों में अच्छी नींद लेते हैं, वे बड़े होने पर मोटापे से बच सकते हैं।
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अमेरिकी हॉस्पिटल के शोधकर्ताओं ने नवजात शिशुओं और उनकी नींद के पैटर्न पर सिद्धांत पर स्टडी की। उन्होंने पाया कि बच्चे पैदा होने के बाद के महीनों तक कैसे सोते थे, ये बहुत ही महत्वपूर्ण है।
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बच्चों में सिर्फ एक घंटे की एक्स्ट्रा नींद उनके अधिक वजन के जोखिम को 26 प्रतिशत तक कम कर देती है। वहीं जो बच्चे रात में कम जगते हैं उनमें अधिक वजह बढ़ने की संभावना कम होती है।
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स्टडी में शामिल सुसान रेडलाइन ने कहा कि अपर्याप्त नींद और वजन बढ़ने के बीच एक संबंध बड़ों और बच्चों में है। यह पहले बच्चों में पहचाना नहीं गया था। इस स्टडी में पाया गया कि न केवल रात की कम नींद, बल्कि अधिक जागना अधिक वजन बढ़ने की वजह हो सकती है।
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स्टडी में ये भी कहा गया है कि अच्छी नींद के लिए डॉक्टर्स से भी परामर्श लेना चाहिए। स्टडी में शामिल लोगों ने मैसाचुसेट्स जनरल हॉस्पिटल में पैदा हुए 298 नवजात शिशुओं को देखा। उनके नींद के पैटर्न की निगरानी की। शोधकर्ताओं ने एक और छह महीने के अंतर पर तीन रातों का डेटा निकाला। इसके बाद उन बच्चों को विकास और बॉडी मास इंडेक्स को नापा।
नोट- इस न्यूज में इस्तेमाल की गईं तस्वीरें सांकेतिक