नई दिल्ली. सर्जिकल स्ट्राइक (Surgical Strike) को पांच साल पूरे हो चुके हैं। 28-29 सितंबर 2016 की रात का समय था। भारतीय सेना के जवानों ने दुश्मनों को ऐसा जख्म दिया, जो उन्हें ताउम्र याद रहेगा। 4 घंटे के अंदर पाकिस्तान (pakistan) में घुसकर आतंकियों के कैंपों को नेस्तानाबूत कर दिया था। फिर वापस अपने देश में भी चले आए। लेकिन सेना ने ऐसी प्लानिंग क्यों की? दरअसल, इस हमले की नींव 18 सितंबर को ही पड़ गई थी। जब आतंकियों ने कश्मीर के उरी में आर्मी कैम्प पर हमला किया, जिसमें सेना के 18 जवान शहीद हो गए। रिटायर्ड लेफ्टिनेंट जनरल सतीश दुआ बताते हैं कि तीन घंटे में हमें सर्जिकल स्ट्राइक करने की इजाजत मिल गई थी। इस मिशन में बहुत बारीक से बारीक चीज का भी ध्यान रखा गया था। जानें कैसे तेंदुए के मल-मूत्र से दुश्मन को धोखा दिया गया था...?