घड़ियाल बाबू से टिकटिकी की बेटी सुईमुई तक, इनकी बदौलत KBC में अमिताभ बोलते हैं इतनी बेहतरीन हिंदी

मुंबई। टीवी का सबसे पॉपुलर गेम शो 'कौन बनेगा करोड़पति' (KBC) का सीजन 12 इसी महीने 28 सितंबर से शुरू हो रहा है। कोरोना महामारी के चलते इस बार शो में कुछ बदलाव किए गए हैं, मसलन इस बार ऑडियंस पोल नाम की लाइफलाइन नहीं रहेगी। ये पहली बार होगा, जब इस लाइफलाइन को हटाया जा रहा है। हालांकि घर-घर में पॉपुलर इस शो के होस्ट अब भी अमिताभ बच्चन (Amitabh Bachchan) ही हैं, जिन्हें हम शो के दौरान शुद्ध हिंदी के साथ-साथ घड़ियाल बाबू, श्रीमती टिकटिकी, चोटी की कोटी, ताला लगा दें जैसे कई शब्दों का इस्तेमाल करते देखते हैं। वैसे, कभी आपने सोचा है कि केबीसी के दौरान बिग बी को ये शब्द कौन बताता है। इस पैकेज में हम बता रहे हैं उसी शख्स के बारे में।

Asianet News Hindi | Published : Sep 26, 2020 1:48 PM IST / Updated: Sep 27 2020, 02:01 PM IST

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घड़ियाल बाबू से टिकटिकी की बेटी सुईमुई तक, इनकी बदौलत KBC में अमिताभ बोलते हैं इतनी बेहतरीन हिंदी

दरअसल, शो के दौरान अमिताभ बच्चन की इस बेहतरीन हिंदी का श्रेय जाता है राइटर आरडी तैलंग को। तैलंग ही वो शख्स हैं जो केबीसी की शुरुआत से ही इसकी स्क्रिप्ट लिख रहे हैं। 

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तैलंग ने सिर्फ अमिताभ बच्चन के लिए ही नहीं बल्कि जब इस शो का एक सीजन शाहरुख खान (सीजन 3) ने होस्ट किया था, तब भी उन्होंने ही इसकी स्क्रिप्ट लिखी थी।

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बता दें कि अमिताभ बच्चन नमस्कार, आदाब, सतश्री अकाल कहकर शो की शुरुआत करते हैं, लेकिन देखने वालों को सिर्फ बिग बी ही नजर आते हैं, लेकिन इन सबके पीछे तैलंग की कलम का ही कमाल है। 

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तैलंग ने अमिताभ बच्चन की पर्सनैलिटी और उनकी शुद्ध हिंदी पर पकड़ को ध्यान में रखते हुए कई टेक्निकल चीजों को यूनीक नाम देते हुए बेहद दिलचस्प बनाया है। जैसे बिग बी शो में बोलते हैं कम्प्यूटर जी, घड़ियाल बाबू, श्रीमती टिकटिकी, चोटी की कोटी, ताला लगा दें, पंचकोटी महामनी, सुईमुई, ये सभी शब्द तैलंग के दिमाग की ही खोज हैं। 

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इतना ही नहीं केबीसी में हर साल शो की शुरुआत में दिखाए जाने वाले प्रोमोज जैसे 'कोई भी इंसान छोटा नहीं होता', 'ज्ञान ही आपको आपका हक दिलाता है', 'कब तक रोकोगे', ‘विश्वास है तो खड़े रहो अड़े रहो’जैसी टैगलाइन भी तैलंग ने ही तैयार की हैं।
 

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केबीसी के राइटर आरडी तैलंग के मुताबिक, शो तो मैंने काफी लिखे हैं लेकिन 'केबीसी' को लिखना बेहद मुश्किल था क्योंकि हम एक नई तरह की भाषा को शुरू कर रहे थे, जिसकी लिखावट अलग थी। साथ ही उनके लिए लिखना जो खुद राइटर की फैमिली से आया हो, अपने आपमें एक बहुत बड़ी चुनौती थी। 
 

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तैलंग के मुताबिक, अमिताभ के लिए लिखने की सबसे बड़ी चुनौती ये थी कि ऐसा नहीं लगना चाहिए कि वो कुछ लिखा हुआ पढ़ रहे हैं और इस बात पर मेरा ध्यान था। अमिताभ कार्यक्रम की शुरुआत और अंत में ही स्क्रिप्ट का इस्तेमाल करते हैं। एक बार जब खेल शुरु हो जाता है तो फिर वो अपने मन से बोलते हैं। 

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बता दें कि आरडी तैलंग ने टीवी के लिए लिखने की शुरुआत ‘मूवर्स एंड शेकर्स’ प्रोग्राम के साथ की और शेखर सुमन के लिए लिखना शुरू किया था। उन्होंने म्यूज़िकल गेम शोज़, अवार्ड शोज़, टैलेंट शोज़ तक सब कुछ लिखा है।

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आरडी तैलंग टीकमगढ़, मध्य प्रदेश से हैं। युवावस्था में वे भारत के सफलतम कार्टूनिस्टों में से एक सुधीर तैलंग से प्रेरित रहे और इसी क्षेत्र में अपनी मंजिल तलाशने की कोशिश की और उन्हें सफलता मिल भी गई। तैलंग एक एक पत्रकार के साथ ही असिस्टेंट डायरेक्टर और इसके बाद नॉन-फिक्शन शोज के राइटर बने। 

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