अयोध्या: नए साल पर राम मंदिर की जारी हुईं नई तस्वीरें, ऐसे आकार ले रहा करोड़ों भक्तों का सपना

अयोध्या: उत्तर प्रदेश के अयोध्या जिले में श्रीराम मंदिर का निर्माण कार्य तेजी से चल रहा है। बता दें कि राम मंदिर का 70 प्रतिशत निर्माण कार्य पूरा हो चुका है। वहीं 14 फीट तक गर्भगृह के पिलर भी बनकर तैयार हो चुके हैं। इसके अलावा परकोटे का मंदिर भी तेजी से बनाया जा रहा है। मंदिर निर्माण कार्य 3 चरणों में पूरा किया जाएगा। आइए तस्वीरों के जरिए जानते हैं अब तक हुआ विकास कार्य

Asianet News Hindi | Published : Jan 13, 2023 11:21 AM IST

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अयोध्या: नए साल पर राम मंदिर की जारी हुईं नई तस्वीरें, ऐसे आकार ले रहा करोड़ों भक्तों का सपना

मंदिर निर्माण का पहला चरण अगस्त 2023 तक पूरा होगा तो वहीं दूसरा चरण दिसंबर 2025 तक और तीसरा चरण यानि की 2015 तक मंदिर आकार ले चुका होगा। वहीं जनवरी 2024 से मंदिर में पूजन-दर्शन शुरू हो जाएगा। अब तक मंदिर निर्माण में करीब 800 करोड़ खर्च किए जा चुके हैं। 

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अनुमान है कि मंदिर निर्माण में करीब 1800 करोड़ रुपए का खर्च आएगा। बता दें कि श्रीराम जन्मभूमि ट्रस्ट की तरफ से शुक्रवार को मीडिया को परिसर में बुलाया गया। जिसके बाद करीब 1 घंटे तक अब तक हुए मंदिर निर्माण कार्य को दिखाया गया। मंदिर के गर्भगृह की दीवार बनकर तैयार हो चुकी है। वहीं परिक्रमा पथ तैयार किया जा रहा है। 

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ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने बताया कि गर्भगृह के अलावा 5 और मंडप बनाए जा रहे हैं। शुभ मुहूर्त देख कर गर्भगृह में राम के बाल स्वरूप का पूजन कराया जाएगा। पत्थर से रामलला की मूर्ति तैयार की जा रही है। विद्वानों का विचार है कि भगवान का विग्रह गर्भगृह में खड़ा होना चाहिए।

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इसके साथ ही मंदिर में प्रभु श्रीराम के जीवन के 100 प्रसंग भी उकेरे जाएंगे। इस कार्य में देश के प्रसिद्ध साहित्यकार यतीन्द्र मिश्रा भी मदद कर रहे हैं। राम मंदिर से जुड़े इंजीनियर ने बताया कि मंदिर के ग्राउंड फ्लोर का पूरा काम शुरू हो चुका है। कारीगर काम में लगे हैं। साथ ही मंडप और गर्भगृह में भी काम किया जा रहा है। बता दें कि परकोटे की लंबाई 762 मीटर है। परकोटे के चारों कोने में 4 मंदिर रहेंगे और इसका प्रवेश द्वार सिंह जैसा होगा। श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की योजना के अनुसार, भक्तों के लिए जनवरी 2024 से मंदिर को खोल दिया जाएगा। 

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श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के सदस्य डॉ. अनिल मिश्र ने जानकारी देते हुए बताया कि ट्रस्ट के पास मंदिर निर्माण के लिए पर्याप्त धन है। अब तक मंदिर निर्माण में 800 करोड़ रुपए खर्च हो चुके हैं। मंदिर की लागत 1800 करोड़ रुपए तय की गई है। बताया गया है कि मंदिर के भूतल निर्माण के क्रम में गर्भगृह में अभी काम चल रहा है। 

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डॉ. अनिल मिश्र ने बताया कि गर्भगृह के छह खंभों का निर्माण कार्य भी शुरू हो चुका है। इसे मकराना मार्बल से बनाया जा रहा है। मकराना संगमरमर से ही मंदिर के गर्भगृह में फर्श, मेहराब, रेलिंग, दरवाजे के फ्रेम को तैयार किया जाएगा। बता दें कि इनकी गढ़ाई का कार्य शुरू किया जा चुका है।

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