आपके मसाले में मिलावट की हद पारःएसिड, गधे की लीद, भूसा और कलर से बना रहे थे ब्रांडेड मसाले

हाथरस (Uttar Pradesh) । नकली मसाला बनाने की फैक्ट्री का सोमवार की रात भंडाफोड़ हुआ है। पुलिस ने 300 किलोग्राम से अधिक नकली मसालों को भी जब्त किया है। लेकिन, इस कार्रवाई से चौंकाने वाली बात सामने आई है, जिसे शायद ही आप यकीन करेंगे। लेकिन, सच है। जी हां मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक अधिकारियों ने कहा है कि इस फैक्ट्री में नकली मसाला बनाने के लिए गधे की लीद, एसिड, भूसा और अखाद्य रंगों का उपयोग किया जा रहा था। इन मसालों को बनाकर विभिन्न कंपनियों के रैपर में पैक कर बाजार में सप्लाई किया जा रहा था।

Asianet News Hindi | Published : Dec 16, 2020 1:04 PM IST / Updated: Dec 16 2020, 06:36 PM IST

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आपके मसाले में मिलावट की हद पारःएसिड, गधे की लीद, भूसा और कलर से बना रहे थे ब्रांडेड मसाले

हाथरस के नवीपुर इलाके में यह फैक्ट्री चल रही थी। पुलिस ने नकली मसालों के कारखाने के मालिक अनूप वार्ष्णेय को गिरफ्तार कर लिया है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक वार्ष्णेय हिंदू युवा वाहिनी के 'मंडल प्रहरी' हैं। 

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अधिकारियों के मुताबिक, छापे के दौरान मौके पर विभिन्न ब्रांड के करीब 1000 खाली पैकेट और करीब 100 पैकेट भरे हुए मसालों के पाए गए। इसके अलावा लाल मिर्च पाउडर, धनिया पाउडर सहित कई मसाले बरामद किए हैं। 
 

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मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक जांच में यह बात सामने आ रही है कि गरम मसाला और हल्दी में गधे की लीद, रंगों, एसिड और घास का इस्तेमाल किया जाता था। खाद्य विभाग के अधिकारियों के मुताबिक, मिलावट स्वास्थ्य के लिए खतरा साबित हो सकती है, खासकर अगर लंबे समय तक इसका सेवन किया जाए।
 

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संयुक्त मजिस्ट्रेट प्रेम प्रकाश मीणा के मुताबिक एक बार लैब टेस्ट के नतीजे आने के बाद खाद्य सुरक्षा और मानक अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया जाएगा। इसके लिए 27 नमूनों को परीक्षण के लिए प्रयोगशाला भेजा गया है।

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फैक्टरी मालिक अनूप वार्ष्णेय से इन ब्रांडों के लाइसेंस संबंधी कागजात मांगे गए तो मौके पर वह कोई भी लाइसेंस संबंधी कागज प्रस्तुत नहीं कर पाए। इस पर एसडीएम ने फैक्ट्री को सील कर दिया गया।

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