22 साल पुरानी दुश्मनी का बदला लेने विकास दुबे ने शहीद सीओ के साथ की थी क्रूरता, दोनों रह चुके हैं जानी-दुश्मन

लखनऊ(Uttar Pradesh).  यूपी के कानपुर के बिकरू गांव में 2 जुलाई की देर रात बदमाशों की गोली से शहीद हुए पुलिसकर्मियों में सीओ देवेन्द्र मिश्रा भी शामिल थे। लेकिन विकास दुबे व उसकी गैंग ने उन्हें गोली मारने के साथ ही कुल्हाड़ी से उनका पैर भी काट दिया था। लोगों के दिमाग में एक बड़ा सवाल ये कौंध रहा था कि आखिर एनकाउंटर में पुलिसकर्मियों पर गोली चलाकर उनकी हत्या की गई, फिर सीओ देवेन्द्र मिश्रा के साथ आखिर ये क्रूरता क्यों की गई। इस पर एक बड़ा खुलासा हुआ है। बताया जा रहा है कि सीओ देवेन्द्र मिश्रा और गैंगस्टर विकास दुबे 22 साल पुराने दुश्मन थे। उसी का बदला लेने के लिए विकास ने ये निर्ममता की। आइए आपको बताते हैं कि आखिर दोनों के बीच 22 साल पहले क्या हुआ था ? 

Asianet News Hindi | Published : Jul 11, 2020 9:43 AM IST / Updated: Jul 11 2020, 03:27 PM IST
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22 साल पुरानी दुश्मनी का बदला लेने विकास दुबे ने शहीद सीओ के साथ की थी क्रूरता, दोनों रह चुके हैं जानी-दुश्मन

पुलिस सूत्रों के अनुसार ये मामला दिसंबर 1998 का है। उस दौरान कानपुर की कल्याणपुर पुलिस ने विकास दुबे को गिरफ्तार किया था। उस समय विकास दुबे बिकरु गांव का प्रधान था।
 

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उस समय विकास की गिरफ्तारी करने गई पुलिस टीम के साथ विकास ने मारपीट की थी। विकास दुबे और तत्कालीन इंस्पेक्टर कल्याणपुर हरिमोहन यादव में भिड़ंत हुई थी। देवेंद्र मिश्रा उस समय कल्याणपुर थाने में सिपाही थे।
 

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विकास के इंस्पेक्टर से भिड़ने पर देवेंद्र मिश्रा ने विकास दुबे पर फायर किया था लेकिन फायर मिस हो गया था। इसके बाद विकास ने देवेंद्र मिश्रा पर पलट कर फायर कर दिया लेकिन विकास का फायर भी मिस हो गया था।

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इसके बाद विकास और देवेंद्र दोनों आपस में भिड़ गए थे, इस भिडंत में देवेन्द्र मिश्रा भारी पड़े थे और विकास को खूब पटखनी दी थी। जिसके बाद देवेन्द्र मिश्रा की दिलेरी से विकास गिरफ्तार हुआ था। उसके पास से पुलिस ने 30 पुड़िया नशीला पदार्थ और बंदूक बरामद की थी।

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सूत्रों की मानें तो उस समय से ही विकास दुबे देवेंद्र मिश्रा को अपना जानी दुश्मन मानता था। 22 साल बाद फिर से इतिहास ने खुद को दोहराया और दोनों आमने-सामने आ गए। शायद उसी रंजिश के चलते विकास ने सीओ देवेंद्र मिश्रा की हत्या कर उनके साथ निर्ममता की।

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उज्जैन पुलिस को दिए अपने कुबूलनामे में विकास ने माना भी था कि देवेंद्र मिश्रा की उससे नहीं बनती थी। हालांकि उसने कहा था कि देवेंद्र मिश्रा को उसने नहीं उसके साथियों ने मारा था। वहीं पैर काटने की बात पर विकास ने बताया था कि देवेंद्र मिश्रा कहते थे विकास का एक पैर खराब है दूसरा भी खराब कर दूंगा। इस पर उसके साथियों ने देवेंद्र मिश्रा का पैर काटा था।

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