उत्तर प्रदेश में 3 साल की वो 5 बड़ी घटनाएं, जिनसे हिल गई योगी सरकार..विदेशी मीडिया में भी किरकिरी

हाथरस. उत्तर प्रदेश की कमान संभाले हुए योगी आदित्यनाथ को तीन साल से ज्यादा का वक्त गुजर चुका है। जब मार्च 2017 में वह सूबे के मुख्यमंत्री बने थे उन्होंने राज्य की जनता को आश्वासन दिया था कि अब यूपी में कानून-व्यवस्था ठीक होगी। सत्ता संभालते ही पुलिस को अपराधियों के सफाए करने का फरमान जारी किया। सीएम ने कहा था कि अपराधी यूपी छोड़कर भाग जाएं नहीं तो उनकी खैर नहीं। इसके बाद एक महीने तक यूपी में  ताबड़तोड़ एनकाउंटर किए। सैंकड़ों अपराधी पकड़े गए। लेकिन समय बीतता गया और आपराधिक घटनाएं बढ़ती गईं। साढ़े तीन साल में उत्तर प्रदेश में ऐसी कई बड़ी घटनाएं हुई हैं जो पूरे देश में चर्चा का विषय बनीं और योगी सरकार पर सवाल खड़े होने लगे

Asianet News Hindi | Published : Oct 5, 2020 2:15 PM IST / Updated: Oct 06 2020, 10:05 AM IST
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उत्तर प्रदेश में 3 साल की वो 5 बड़ी घटनाएं, जिनसे हिल गई योगी सरकार..विदेशी मीडिया में भी किरकिरी

अब योगी सरकार को साढ़े तीन साल का समय हो चला है। लेकिन अपराध कम होने की बजाए बढ़ते जा रहे हैं। हाथरस जिले में जिस तरह से यह घटना हुई उससे पूरे देश में गुस्सा है। लखनऊ से लेकर दिल्ली तक लोग पीड़िता को इंसाफ दिलाने के लिए राज्य सरकार का विरोध कर रहे हैं। इतना ही नहीं यह मामला सयंक्त राष्ट्र तक पहुंच चुका है। जहां ब्रिटेन की एक महिला सांसद ने यून को एक पत्र तक लिख दिया। आइए जानते हैं वह पांच मामले जिससे योगी सरकारी की हुई जमकर किरकिरी...
 

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1. विवेक तिवारी हत्याकांड: योगी आदित्यनाथ मुख्यमंत्री बनने के एक साल बाद ही यूपी की राजधानी लखनऊ में एपल के एरिया मैनेजर विवेक तिवारी की हत्या कर दी गई। यह घटना  29 सिंतबर 2018 की आधी रात को घटी। मैनेजर की इसलिए मारा डाला कि उसने एक कांस्टेबल के रोकन के बाद अपनी गाड़ी नहीं रोकी थी। हालांकि सिपाही प्रशांत चौधरी ने यह बताया था कि विवेक ने उसके उपर गाड़ी चढ़ाकर मारने की कोशिश की थी।  इस घटना से पूरे प्रदेश ही नहीं बल्कि देश में भी ये उठने लगा कि योगी सरकार में क्या अब पुलिस वाले ही गुंडा बनेंगे। विदेशी मीडिया में भी इसकी खबरें देखने को मिली थीं।

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2. हिंदू नेता कमलेश तिवारी का मर्डर: पिछले साल यूपी की राजधानी लखनऊ में हिंदू समाज पार्टी के अध्यक्ष कमलेश तिवारी की दिनदहाड़े हत्या कर दी गई। जिसको लेकर पूरे देश में बबाल मचा गया। यह वारदात 18 अक्टूबर 2019 को घटी थी। बदमाश हिंदू समाज पार्टी कार्यालय में मिठाई के डिब्बे में चाकू और तमंचा लेकर आए थे। इसके बाद घटना को अंजाम देकर फरार हो गए थे। इस घटना के बाद भी योगी सरकार को लेकर सवाल उठने लगे थे। पूरे देश में इस मामले को लेकर यूपी सरकारी की खूब किरकिरी हुई।

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3. गैंगस्टर विकास दुबे: इसी साल कानपुर का हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे का जब मामला सामने आया तो सब उसकी हिस्ट्री जानकर हैरान थे। सवाल उठने लगे कि कैसे यूपी सरकार में इतना बड़ा अपराधी अब तक जिंदा है। जिसने धड़ाधड़ 7 पुलिसकर्मियों को गोली मारकर मौत के घाट उतार दिया था। इस घटना के बाद से यूपी ही नहीं पूरा देश दहल गया था कि सवाल उठने लगे थे कि जिस राज्य में पुलिस ही सुरक्षित नहीं वहां आम आदमी का क्या हाल होगा। कई दिनों तक गैंगस्टर फरार रहा और प्रशासन को नचाता रहा। आखिरकार उसको उज्जैन से पकड़ लिया गया और पुलिस ने उसको मार गिराया। इस मामले में भी योगी सरकार को किरकरी झेलने पड़ी थी।

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4. सोनभद्र में 11 बच्चों का नरसंहार: एक साल पहले साल 2019 में सोनभद्र जिले के उम्भा गाव में एक नरसंहार हुआ था, जिसके आने के बाद खलबली मच गई थी। बताया जाता है कि ऐसी घटना यूपी में 30 से 40 वर्ष बाद हुई थी। जहां 11 आदिवासियों को गोली मारकर मौत के घाट उतार दिया गया था। बताया जाता है कि जमीनी विवाद के चलते इस घटना को अंजाम दिया गया था। पूरे गांव में मातम पसर गया था, लोग कई दिनों तक घरों में छिप गए थे। इस खूनी नरसंहार का खौफनाक वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था। जिसमें अपराधी सरेआम गोली मारते दिखाई दे रहे थे। इस घटना ने भी पूरे राज्य सरकार को हिलाकर रख दिया था। देश ही नहीं विदेशी मीडिया में भी यह मामला उठने लगा था।

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5.उन्नाव गैंगरेप हत्या कांड: वहीं पिछले साल 2019 दिसंबर में हाथरस गैंगरेप की तरह की एक कांड हुआ था उन्नाव रेप कांड जिससे पूरा देश शर्मसार हुआ था। जहां हैवानों ने पीड़िता से रेप करने के बाद उसे मिट्टी का तेल छिड़क सरेराह जिंदा जलाकर मार दिया गया था।

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