घायल इंस्पेक्टर ने बताया एनकाउंटर वाली रात की हॉरर कहानी, कहा- अंधेरे में बरस रहीं थीं गोलियां

कानपुर(Uttar Pradesh).  कानपुर के चौबेपुर थानाक्षेत्र के बिकरू गांव में 3 जुलाई की रात पुलिस टीम पर हुए हमले में बदमाशों ने सेमी ऑटोमेटिक हथियारों से पुलिस टीम पर गोलियां बरसाईं थीं। इस हमले में सीओ समेत 8 पुलिसकर्मी शहीद हो गए थे। इस हमले में बिठूर एसओ कौशलेन्द्र प्रताप सिंह जख्मी हो गए थे। उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था जहां उनकी हालत खतरे से बाहर है। बिठूर एसओ ने एनकाउंटर वाली रात की पूरी कहानी मीडिया से शेयर किया। उन्होंने बताया कि पुलिस टीम केवल अपराधी विकास दुबे को गिरफ्तार करने के इरादे से गई थी, पुलिस उसका एनकाउंटर करने नहीं गई थी। इसलिए पुलिस के पास पर्याप्त असलहे भी नहीं थे।
 

Asianet News Hindi | Published : Jul 6, 2020 7:11 AM IST

18
घायल इंस्पेक्टर ने बताया एनकाउंटर वाली रात की हॉरर कहानी, कहा- अंधेरे में बरस रहीं थीं गोलियां

एसओ कौशलेंद्र सिंह ने बताया रात करीब साढ़े 12  बजे दबिश देने की तैयारी थी। उनके साथ उनकी टीम थी, साथ ही चौबेपुर थाने के एसओ विनय तिवारी मय फोर्स व एक अन्य थाने की फोर्स भी थी। इसके अलावा सीओ बिल्हौर देवेन्द्र मिश्रा भी पुलिस टीम के साथ थे।

28

सभी लोग करीब साढ़े 12 बजे घर से करीब 100 मीटर की दूरी पर गाड़ी से उतरकर घर की तरफ बढ़े। रास्ते में जेसीबी को इस तरह से खड़ा किया गया था कि कोई गाड़ी न निकल सके। पैदल भी एक बार में एक ही व्यक्ति निकल सके।

38

SO ने बताया कि वहां पर लाइट भी ठीक से नहीं जल रही थी, जिसके कारण हम किसी को देख नहीं पा रहे थे, जबकि विकास दुबे के लोग पहले से ही तैयारी में थे और वह हमें ठीक से देख रहे थे। जैसे ही मैं और मेरे साथ सिपाही अजय सेंगर जेसीबी क्रॉस कर आगे बढ़े, अचानक गोली चलने लगी।

48

सिपाही अजय सेंगर ने बताया कि उसके पेट में गोली लगी है। मैं कवर फायर देते हुए उसे सुरक्षित स्थान पर ले जाने लगा। मैंने इस बीच चार से पांच राउंड गोली चलाई होगी। लेकिन दूसरी ओर से गोलियों की बरसात सी हो रही थी।

58

एसओ कौशलेंद्र सिंह ने बताया कि पुलिस एनकाउंटर की तैयारी कर नहीं गई थी। सभी के पास असलहे भी नहीं थे। उन्होंने बताया कि तीन तरफ से गोलियां चल रही थीं।अनुमान के मुताबिक करीब 15 लोग गोली चला रहे थे। जिस रफ़्तार से गोली चल रही थी, उससे लगता है कि उनके पास सेमी ऑटोमेटिक वेपन्स रहे होंगे क्योंकि सिंगल शॉट वेपन्स से इस तरह गोली चलाना संभव नहीं है।

68

एसओ कौशलेन्द्र ने बताया कि अचानक शुरू हुई इस फायरिंग से हमें संभलने का मौक़ा ही नहीं मिला, पुलिस टीम ने JCB के पीछे जाकर जान बचाने की कोशिश की। लेकिन बदमाश तीन ओर से गोलियां चला रहे थे ऐसे में हमारे ज्यादा लोगों को गोली लगी।

78

सबसे ज्यादा परेशानी की बात ये थी कि गांव में बिजली नहीं थी, इसलिए कुछ भी दिखाई नहीं दे रहा था, बदमाश पहले से घात लगाए बैठे थे, जिससे वो हमें टार्गेट कर ले रहे थे लेकिन हम उन्हें देख भी नहीं पा रहे थे। हमारी तरफ से जो फायरिंग हो भी रही थी वो केवल अंधेरे में तीर मारने जैसी थी।
 

88

तीन गोली लगने से घायल हुए कौशलेंद्र ने बताया कि मैं और मेरी टीम सबसे पहले JCB क्रास कर आगे गए थे। उसके बाद अन्य लोग, लेकिन तभी गोली चलने लगी,जिसके बाद हमारी टीम तितर-बितर हो गई।अंधेरा होने की वजह से सीओ साहब व अन्य लोगों को गोली कैसे और कहां लगी कुछ दिखाई नहीं दिया। 
 

Share this Photo Gallery
click me!
Recommended Photos