पुलिस अफसर बन अपराधियों को सबक सिखाना चाहती है शहीद DSP की बेटी, छोड़ा डॉक्टर बनने का सपना

कानपुर(Uttar Pradesh). कानपुर के चौबेपु​र थाना क्षेत्र में बीती 3 जुलाई की देर रात बिकरू गांव में गैंगस्टर विकास दुबे के साथ हुई मुठभेड़ में डीएसपी देवेन्द्र मिश्रा समेत 8 पुलिस वाले मौके पर ही शहीद हो गए थे। पुलिस टीम का नेतृत्व देवेन्द्र मिश्रा ही कर रहे थे। बीते शनिवार को देवेन्द्र मिश्रा के पार्थिव शरीर को मुखाग्नि देने के बाद रविवार को बेटियों ने उनकी अस्थियों को गंगा मे विसर्जित किया। शहीद DSP की बड़ी बेटी वैष्णवी ने शुरू से ही डॉक्टर बनने का सपना देखा था, लेकिन पिता की मौत के बाद उसने अब पुलिस अफसर बनकर अपराधियों को ठिकाने लगाने का संकल्प किया है।

Asianet News Hindi | Published : Jul 6, 2020 5:24 AM IST / Updated: Jul 06 2020, 11:24 AM IST

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पुलिस अफसर बन अपराधियों को सबक सिखाना चाहती है शहीद DSP की बेटी, छोड़ा डॉक्टर बनने का सपना

देवेन्द्र मिश्रा की बड़ी बेटी वैष्णवी ​ने पुलिस ज्वाइन करने का निर्णय लिया है। वैष्णवी ने कहा कि वह डॉक्टर बनने के अपने सपने को छोड़ देंगी और अपने पिता की तरह ही पुलिस ज्वाइन करेंगी। वैष्णवी इस समय b.sc लास्ट इयर की छात्रा है ।
 

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वैष्णवी ने कहा कि 'मैं विकास दुबे जैसे अपराधियों को वहीं भेजूंगी, जहां उनकी असली जगह है'। शहीद देवेन्द्र की छोटी बेटी वैशाली सिविल सेवा में जाना चाहती हैं। 12वीं कक्षा की पढ़ाई कर रही वैशाली ने कहा कि वो सिविल सेवा की तैयारी कर रही हैं।
 

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शहीद की बेटियों ने पुलिस और प्रशासन की भूमिका पर कई सवाल उठाए । उन्होंने कहा कि छापेमारी से पहले गांव की बिजली क्यों काट दी गई? उनके पिता ने पहले ही एक अधीनस्थ अधिकारी पर अनुशासनहीनता और अनियमितता का आरोप लगाए थे, उसपर जांच क्यों नहीं की गई।
 

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शहीद की बेटियों ने मामले में सीबीआई जांच की मांग की है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक कानपुर के पूर्व एसएसपी व स्पेशल टास्क फोर्स के डीआईजी अनंत देव ने पुष्टि की कि मिश्रा ने एसओ के व्यवहार के बारे में शिकायत की थी।

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कानपुर के पूर्व एसएसपी अनंत देव  ने कहा कि 'सीनियर्स और जूनियर्स के बीच इस तरह के मतभेद लगभग हर पेशे में आम हैं। मुझे नहीं लगता कि इस घटना से कोई सीधा संबंध था'।
 

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