इस लड़की को देखते ही IPS ने कैंसिल करा दी थी अपनी टिकट, 24 घंटे में कर लिया था शादी का फैसला
लखनऊ (Uttar Pradesh). आज यानी 14 फरवरी को प्यार का दिन कहा जाता है। इस दिन प्रेमी जोड़े अपने प्यार का इजहार करते हैं। आज हम आपको देश के कई राज्यों में नाटकों के 280 से भी ज्यादा शो कर चुकी सीमा मोदी और आईपीएस मोहन मोदी के बारे में बताने जा रहे हैं। सीमा को यूपी की बहू के रूप में भी पुकारा जाता है। एक बार सीमा मोदी की आईपीएस पति की कैप पहने फोटो काफी वायरल भी हुई थी।
सीमा की शुरुआती पढ़ाई झारखंड से हुई है। शादी के बाद इन्होंने मुरादाबाद में रहकर ही एमए फिर हिस्ट्री से पीएचडी की और आज थिएटर के जरिए लड़कियों में कांफिडेंस डेवलप करने की थेरेपी पर काम कर रही हैं।
इन्होंने एक इंटररव्यू में अपनी लव स्टोरी के बारे में बताते हुए कहा था, बात 1995 की है। मेरे आईपीएस पति मोहन मोदी अपने रिश्ते के लिए मेरे रिश्तेदार के घर आए थे। लेकिन उन्हें वहां लड़की पसंद नहीं आई। इसके बाद वो मुरादाबाद जानें के लिए स्टेशन चले गए, लेकिन ट्रेन 6 घंटे लेट थी। मेरा घर स्टेशन के पास में ही था, तो मामा उन्हें लेकर हमारे घर आ गए। उस समय मैं बहुत चंचल स्वभाव की थी। पूरा घर म्यूजिकल माहौल में था। ढोलक हॉरमोनियम सब व्यवस्था घर पर ही थी। मुझे थिएटर और म्यूजिक का शौक था।
वो कहती हैं, मेहमान के घर आने पर हम उनकी खातिरदारी में जुट गए। मां पकौड़ी बना रहीं थीं और मैं परोस रही थी। कुछ देर बाद मुझे लगा उनका पेट भर गया है तो मैंने मैंने चुटकी लेते हुए कहा- मां अब मत बनाओ, मेहमान मना करने वाले हैं। इसपर सब हंसने लगे, मां ने मुझे डांटा भी। उसके बाद उन्होंने अचानक कहा- मुझे लगता है कुछ दिन यही रूक जाऊं। पापा ने कहा- किसने रोका है, तुम्हारा ही घर है। इसके बाद उन्होंने टिकट कैंसिल करवा दी।
सीमा कहती हैं, दूसरे दिन मेहमान की फरमाइश पर मैंने एक भजन गाया 'मोरा मन दपर्ण कहलाए'। इसपर उन्होंने मेरी बहुत तारीफ की। इसके बाद उन्होंने मेरे मामा को बाहर ले जाकर कहा- ये 24 घंटे मेरी लाइफ के सबसे अच्छे पल रहे। मैं ड्यूटी पर जा रहा हूं, लेकिन मेरी शादी सीमा से ही होगी, आप तैयारी कीजिए।
वो कहती हैं, सब बातचीत फाइनल हो गई। 2 महीनों में हमारी शादी होनी थी, इस बीच उनका लेटर आया कि छुट्टी नहीं मिल पाएगी। उन्होंने सभी लोगों को मुरादाबाद बुलाया और कहा यहीं से शादी होगी। हम सब पूरी फैमिली के साथ मुरादाबाद गए, वहीं पर शादी हुई।
सीमा कहती हैं, आज भी मैं इनको कभी-कभी चिढ़ाती हूं कि मैं खुद बारात लेकर आई थी, क्योंकि मेरे पति के पास समय नहीं था।