Kanpur Accident की रूह कंपा देने वाली तस्वीरें, 3 घरों ने खोया चिराग-एक साथ जली 13 बच्चों की चिताएं

कानपुर: उत्तर प्रदेश के जिले कानपुर में शनिवार रात हुए ट्रैक्टर-ट्रॉली हादसे में 26 लोगों की मौत हो गई। जिसमें से 13 महिलाएं और 13 बच्चे हैं। शहर के कोरथा गांव के रहने वाले लोग उन्नाव के चंद्रिका देवी मंदिर से मुंडल संस्कार के बाद वापस लौट रहे थे लेकिन तेज रफ्तार ट्रैक्टर-ट्रॉली अनियंत्रित होकर तालाब में गिर गई थी। इस दौरान 45 लोग सवार थे। हादसे के बाद पूरे गांव में मातम पसरा हुआ है। इतना ही नहीं कुछ ऐसे लोग भी हैं, जिनका पूरा परिवार ही उजड़ गया। 

Asianet News Hindi | Published : Oct 3, 2022 4:50 AM IST / Updated: Oct 03 2022, 05:13 PM IST
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Kanpur Accident की रूह कंपा देने वाली तस्वीरें, 3 घरों ने खोया चिराग-एक साथ जली 13 बच्चों की चिताएं

रूह कंपा देने वाले हादसे में किसी ने अपना बेटी या बेटी खो दिया तो किसी ने मां। कोरथा गांव में एक साथ 13 चिताएं जलाई गई जबकि मरने वाले सभी बच्चों को दफनाया गया है। ऐसा पता चला है कि ट्रैक्टर ड्राइवर ने शराब पी थी और मना करने के बाद भी वह गाड़ी चला रहा था। मुंडन भी उसी के बच्चे का था। इस हादसे में वह बच गया है और फरार है।

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रविवार को गांव में एक बेटी की लाश जब लोग ले जाने लगे तो मां उसे खींचने लगी, यह हर किसी आंख नम हो गई। वह रोते हुए बोली कि मेरी बेटी मत ले जाओ। अभी तो इसने दुनिया भी नहीं देखी थी। हादसे के बाद पूरे गांव में मातम पसरा हुआ है। इतना ही नहीं कुछ ऐसे लोग भी हैं, जिनका पूरा परिवार ही उजड़ गया। 

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देर रात भीतरगांव CHC में सभी शवों का पोस्टमॉर्टम कराया गया। इसके बाद एक-एक करके 26 शवों को गांव लाया गया। शवों के गांव में पहुंचते ही चीखपुकार मच गई। गांव का हर एक सदस्य अपने आंसू नहीं रोक पा रहा था। एक साथ दर्जनों लोगों की लाशों को देख हर कोई सन्न रह गया।

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बच्चों की लाश निकाल रहे लोगों के आंसू थमने का नाम ही नहीं ले रहे थे। एक के बाद एक जिंदगियों के बचाने के लिए स्थानीय लोग वहां पर जूझते नजर आए। कोई बाहर निकाले लोगों को मुंह से सांस दे रहा था तो कोई छाती दबाकर पानी निकालने की कोशिश कर रहा था। 

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अपने परिवार वालों की हालत देखकर महिला रोती-बिलखती रही। उसने बताया कि उसका तो सब कुछ लुट गया। पता नहीं कैसे इतना बड़ा हादसा हुआ। कहा कि भगवान ने उसके साथ अच्छा नहीं किया।

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300 लोगों के कोरथा गांव में रविवार को सिर्फ लोगों की भीड़ और रोने की आवाजें ही सुनाई पड़ रही थीं। 8 घरों के बाहर लाशें रखी हुई थीं। हादसे के बाद अपने परिवार के लोगों के पास बैठकर रो रहे थे और ईश्वर से कामना कर रहे थे। 

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