अनुराग ने इस सफलता के बाद भगवान का धन्यवाद देते हुए कहा कि मेरे साथ साथ परिजनों ने भी बहुत मेहनत की थी। पढ़ाई के दौरान मेरा ध्यान रखा। कब क्या पढ़ाना है इसका पूरा टाइम टेबल बनाया। अनुराग ने बताया कि उन्होंने कभी किसी विषय को ज्यादा या कम महत्व नहीं दिया,सारे विषयों को एक तरीके से ही पढ़ा।