बिना रजिस्ट्रेशन शादी नहीं होगी मान्य,झूठी सूचना देने पर होगी 2 साल तक की सजा,सरकार लागू करने जा रही ऐसे नियम

लखनऊ (Uttar Pradesh) । अब यूपी में भी शादी पंजीकरण कराना अनिवार्य होगा। यह काम शादी के एक माह के भीतर कराना होगा। इसके लिए राज्य विधि आयोग ने मसौदा तैयार कर लिया है। जिसके तहत गलत अथवा झूठी सूचनाएं देने वालों के लिए दो साल तक की सजा व 10 हजार रुपए तक जुर्माने की अहम सिफारिश भी शामिल है। साथ ही ऑनलाइन पंजीकरण प्रणाली लागू किए जाने व विवाह पंजीकरण से जुड़ी सभी सूचनाएं वेब पोर्टल पर उपलब्ध कराए जाने की सिफारिश की गई है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक आयोग के अध्यक्ष सेवानिवृत्त न्यायमूर्ति एएन मित्तल ने अपनी रिपोर्ट सीएम योगी आदित्यनाथ को सौंप दी है, जिस पर विचार के बाद सरकार अधिनियम लागू करेगी।

Asianet News Hindi | Published : Apr 30, 2021 1:31 PM IST
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बिना रजिस्ट्रेशन शादी नहीं होगी मान्य,झूठी सूचना देने पर होगी 2 साल तक की सजा,सरकार लागू करने जा रही ऐसे नियम

यूपी में विवाह पंजीकरण के लिए 50 रुपए शुल्क व लेट फीस का प्रावधान किया गया था। लेकिन, इसे कुछ ही लोग कराते हैं। ऐसे में अनेक ऐसे मामले सामने आ रहे हैं, जहां दांपत्य संबंधी विवाद होने पर पुरुष महिला को अपनी पत्नी मानने से ही इनकार कर देता है। इससे महिला भरण पोषण, संपत्ति में हिस्से से वंचित हो जाती है और उसे घरेलू हिंसा का शिकार भी होना पड़ता है। 
(प्रतीकात्मक फोटो)

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राज्य विधि आयोग ने अपनी रिपोर्ट में प्रदेश में मैरिज आफिसर की व्यवस्था किए जाने की बात भी कही है। सूबे में इसे लेकर कानून लागू होने के बाद सभी धर्म के लोगों को एक माह के भीतर विवाह का पंजीकरण कराना अनिवार्य होगा। ऐसा न करने वालों पर 10 हजार रुपए तक जुर्माने का भी प्रावधान होगा।
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राज्य विधि आयोग के अध्यक्ष सेवानिवृत्त न्यायमूर्ति एएन मित्तल ने बताया कि कानून लागू होने के बाद हर किसी को विवाह का पंजीकरण कराना अनिवार्य होगा। लेकिन, पंजीकरण न होने के आधार पर कोई विवाह अवैध अथवा अमान्य नहीं होगा।
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राज्य विधिक आयोग ने किसी अप्रवासी भारतीय (एनआरआइ) के लिए प्रदेश में आकर शादी करने से पूर्व अपना पूरा ब्योरा देने की व्यवस्था किए जाने की बात कही है। इसमें उसे यह बताना होगा कि वह पहले से शादीशुदा है अथवा नहीं। पासपोर्ट नंबर व अन्य ब्योरा भी देना होगा।
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बता दें कि राजस्थान, तेलंगाना, त्रिपुरा, पंजाब, मेघालय, तमिलनाडु, झारखंड, हरियाणा, दिल्ली व उत्तराखंड में विवाह के अनिवार्य पंजीकरण को लेकर कानून बन चुका है। 
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