सार

GPS के भरोसे तेज रफ्तार में कार चला रहे तीन दोस्तों की पुल से गिरकर मौत हो गई। अधूरे पुल की जानकारी GPS में अपडेट नहीं होने के कारण यह हादसा हुआ।

GPS tracker dodge to death: जीपीएस के भरोसे यात्रा करना आसान है तो काफी खतरनाक भी हो सकता। जीपीएस के भरोसे फास्ट ड्राइविंग करना तीन दोस्तों को भारी पड़ गया। जीपीएस पर भरोसा कर मंजिल तय करना तीनों दोस्तों की जिंदगी का आखिरी पल साबित हुआ। हादसा यूपी की है। सभी दोस्त एक शादी समारोह में शिरकत करने जा रहे थे लेकिन उसके पहले अपनी जान गंवा बैठे।

क्या है पूरा मामला?

दरअसल, बरेली से तीन दोस्त एक शादी समारोह में भाग लेने के लिए बदायूं जिले के दातागंज जा रहे थे। कार में मैनुपरी के कौशल कुमार, फर्रुखाबाद के विवेक कुमार और अमित थे। तीनों ने कार में नेविगेशन सिस्टम लगाकर आराम से ड्राइव किया। खालपुर-दातागंज रोड पर सुबह करीब दस बजे रामगंगा नदी पर बने पुल पर इनकी कार चली गई। पुल का आधा हिस्सा ही था। इसलिए तेज गति से चल रही कार रफ्तार के साथ सीधे नदी में जा गिरी। जीपीएस ने पुल को इंडिकेट तो कर दिया था लेकिन उसका केवल आधा हिस्सा होने की वजह से कार सीधे नदी में जा गिरी और तीनों को जबतक बाहर निकाला जाता दम घुटने की वजह से मौत हो गई।

बाढ़ की वजह से पुल का आधा हिस्सा नदी में विलीन

दरअसल, इस साल के शुरुआत में पुल का आधा हिस्सा नदी में विलीन हो गया था। अभी आधा हिस्सा नहीं बन पाने की वजह से इस पुल से आवागमन बंद है। लेकिन गूगल नेविगेशन सिस्टम ने इस पुल के टूटने और रास्ता कोई न होने की जानकरी अपडेट नहीं की है ना ही किसी जिम्मेदार ने इसे अपडेट करने की जहमत ही उठायी। ऐसे में पुल के बारे में नेविगेशन सिस्टम ने गलत जानकारी दी और तीनों दोस्त तेज रफ्तार पर अपनी कार इस पुल पर दौड़ा दिए जबतक ये लोग कुछ समझते या ब्रेक लगाते, बहुत देर हो चुकी थी। डिप्टी एसपी आशुतोष शिवम ने बताया कि पुल पर चढ़ने के पहले तीनों को अहसास ही नहीं हुआ कि आगे का हिस्सा क्षतिग्रस्त है और यह हादसा हो गया।

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