1 कोरोना मरीज बना सकता है 59 हजार लोगों को बीमार, इतने खतरनाक ढंग से फैलता है ये वायरस
दुनिया भर में कोरोना वायरस का कहर बढ़ता ही जा रहा है। दुनिया के ज्यादातर देश कोरोना वायरस के शिकार हो चुके हैं। लाखों की संख्या में लोग इस वायरस से संक्रमित हो रहे हैं, वहीं इससे होने वाली मौतों का आंकड़ा भी लगातार बढ़ता जा रहा है। यूरोप में इटली इससे सबसे ज्यादा प्रभावित हुआ है। वहीं, इंग्लैंड और दूसरे देशों में इससे संक्रमित होने वाले लोगों की संख्या कम नहीं है। इसी बीच, यूनिवर्सिटी कॉलेज लंदन के इन्टेंसिव केयर मेडिसिन विभाग में प्रोफेसर डॉक्टर हग मॉन्टगोमरी का कहना है कि कोरोना वायरस का संक्रमण बहुत तेजी से होता है। चैनल 4 को दिए एक इंटरव्यू में डॉक्टर मॉन्टगोमरी ने कहा कि कोरोना का वायरस एक आदमी से दूसरे में बहुत तेजी से फैलता है। उन्होंने बताया कि कोरोना से संक्रमित एक व्यक्ति 59,000 लोगों को संक्रमित कर सकता है। यही वजह है कि इससे इतनी ज्यादा मौतें हो रही हैं। डॉक्टर मॉन्टगोमरी ने कहा कि इस वायरस के इतनी तेजी से फैलने की वजह से ही लोगों को घर में रहने को कहा जा रहा है और सोशल डिस्टेंसिंग की नीति अपनाई जा रही है। ब्रिटेन में कोरोना वायरस संक्रमण के 8,000 मामले सामने आए हैं, जिनमें 422 लोगों की मौत हो गई है। पिछले सप्ताह ब्रिटेन में कोरोना से होने वाली मौतों में छह गुना वृद्धि हुई है। इसके बावजूद लोग सोशल डिस्टेंसिग की नीति पर पूरी तरह अमल नहीं कर रहे हैं। डॉक्टर मॉन्टगोमरी का कहना है कि अगर लोगों ने खुद को आइसोलेट नहीं किया तो इसका भारी खामियाजा उठाना पड़ सकता है। तस्वीरों में देखें कोरोना के भयानक रूप लेने के बावजूद लोग बाहर निकलने से खुद को रोक नहीं पा रहे हैं।
कोरोना वायरस के खतरे से बचने के लिए लोगों को घरों में रहने के लिए कहा जा रहा है, इसके बावजूद वे बाहर निकलने से बाज नहीं आ रहे हैं।
जो लोग घरों से बाहर निकल रहे हैं, उन्हें समझाने और वापस घरों में भेजने के लिए पुलिस को कोशिश करनी पड़ रही है।
कोरोना का खतरा बढ़ने के बावजूद लोग मान नहीं रहे हैं और पार्कों में जाकर एक्सरसाइज कर रहे हैं।
घर से बाहर निकल कर बैठे लोगों को वापस घर में जाने के लिए समझाती पुलिस।
सार्वजनिक स्थलों और मॉल्स में वैसे तो लोगों का आना कम हुआ है, फिर भी उन पर नजर रखने के लिए पुलिस मुस्तैद है।
कोरोना से संक्रमित एक ठीक हो चुके मरीज के साथ एक हेल्थ वर्कर। आइसोलेशन में रहने और कुछ दवाइयों के इस्तेमाल से यह बीमारी ठीक हो जाती है। इससे ज्यादा खतरा बच्चों और बुजुर्गों को है, जिनकी इम्युनिटी कमजोर होती है।
एक डॉक्टर कोरोना संक्रमण की जांच के लिए ब्लड का सैंपल देख रही है।
आइसोलेशन में रहने की नीति अपनाए जाने के बावजूद लोगों को जरूरत की चीजें लेने मॉल और स्टोरों में जाना ही पड़ रहा है। एक जगह ज्यादा लोगों के जुटने से कोरोना के संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है।
कोरोना के खतरे के प्रति लोगों को जागरूक करता एक हेल्थ वर्कर।
यूनिवर्सिटी कॉलेज लंदन के इन्टेंसिव केयर मेडिसिन विभाग में प्रोफेसर डॉक्टर हग मॉन्टगोमरी का कहना है कि कोरोना वायरस का संक्रमण बहुत ही तेजी से फैलता है। इससे बचाव के लिए सोशल डिस्टेंसिंग की नीति सबसे सही है।