विदेशी ने बजाया 18 हजार साल पुराना शंख, फूंकते ही अंदर से आई ऐसी आवाज

हटके डेस्क: भारत में पूजा-पाठ के दौरान आपने शंख बजाते हुए देखा-सुना होगा। शंख की आवाज से ही माहौल भक्तिमय हो जाता है। समुद्र की गहराइयों से निकले ये शंख हवा फूंके जाने पर बड़ी तेज आवाज करते हैं। फ्रांस के नेचुरल हिस्ट्री म्यूजियम ऑफ़ टोउलोउस में एक शंख रखा है। ये कोई ऐसा-वैसा शंख नहीं है। 18 हजार साल पुराना शंख इस म्यूजियम में 1931 से रखा था। लेकिन इसे कभी बजाया नहीं गया। अब जाकर रिसर्चर्स ने इसे फूंका।इसकी आवाज सुनकर लोग हैरत में हैं। साथ ही 18 हजार साल पहले की सभ्यता के बारे में भी बातचीत कर रहे हैं। इंसानी खोपड़ी सा दिखता है ये शंख... 
 

Asianet News Hindi | Published : Feb 14, 2021 3:25 AM IST

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विदेशी ने बजाया 18 हजार साल पुराना शंख, फूंकते ही अंदर से आई ऐसी आवाज

1931 में इस शंख को पाइरेनीस माउंटेंस की मार्सोउलास गुफा में पाया गया था। खोज करने वालों ने इसे म्यूजियम में स्टडी के लिए रख दिया था। लेकिन तब से लेकर अब तक इसे किसी ने बजाया नहीं था। किसी को नहीं पता था कि ये शंख कैसा आवाज करता है? 
 

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इस शंख पर रिसर्च की गई, जिसके बाद पता चला कि ये 18 हजार साल पुराना है। देखने से ऐसा लगता है जैसे ये इंसानी खोपड़ी है। इसपर आर्कियोलॉजिस्ट ने काफी रिसर्च किया है। उन्होंने बताया कि ये कोई आम शंख नहीं है। उन्हें पहले से ही ऐसा लग रहा था कि ये शंख अलग है। 

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इसका डिजाइन ज्यादा ही मुड़ा हुआ है। इस वजह से ये बेहतरीन म्यूजिकल इंस्ट्रूमेंट बनता है। इसे अब जाकर बजाया गया है। हालांकि, आर्कियोलॉजिस्ट का कहना है कि तब भी इसे धार्मिक उत्सव में ही बजाया जाता था। या फिर ख़ुशी के मौकों पर इसे बजाया जाता रहा होगा। 

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90 साल पहले जब ये शंख मिला था, तब इसे लिविंग कप के रूप में देखा गया था। इसके बारे में साइंस एडवांसेस नामक जर्नल में एक रिसर्च छापा गया था। इस शंख के ऊपर दुनियाभर के कई रिसर्चर्स ने इस शंख पर शोध किया है। 

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रिसर्चर्स ने पाया कि पुराने समय में इस तरह के शंख का उपयोग लविंग कप के तौर पर किया जाता था। लेकिन सालों तक इस शंख की जांच करने पर पाया गया कि ये दूसरे तरह का शंख है। इसका उपयोग शायद म्यूजिकल इंस्ट्रूमेंट के तौर पर होता था। 

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पुराने समय में कई गुफाओं में मिली पेंटिंग्स और वस्तुओं से उस समय लोगों की जिंदगी जीने के तरीके के बारे में अंदाजा लगाया जाता था। इसमें कई तरह के सामान शामिल होते थे। जैसे हड्डियों से बने औजार और कई तरह के पेंटिंग्स। 

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लेकिन ये शंख अलग है। इसे म्यूजिकल इंस्ट्रूमेंट के तौर पर माना जा रहा है। इसे 90 साल से म्यूजियम में रखा गया था। लेकिन कभी बजाया नहीं गया। अब जब शोध में पाया गया कि ये वास्तव में म्यूजिकल इंस्ट्रूमेंट है, तो इसे बजाया गया। 

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शंख को बजाने के लिए प्रोफेशनल हॉर्न प्लेयर को बुलाया गया। इसे बजाया गया तब इसमें से जो आवाज निकली वो लाजवाब थी। इसमें से तीन नोट्स निकले- सी, सी-शार्प और डी। उसकी आवाज ने सभी को हैरान कर दिया। 

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इस शंख के ऊपर नक्काशी भी की गई है। हालाँकि, समय के साथ इसके निशान मिट गए हैं। इसके अंदर भी पेंटिंग्स बनाई गई थी। साथ ही शंख से अच्छी आवाज आए, इस कारन इसे थोड़ा सा तोड़ भी दिया गया था। 

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