इस तरह बनकर तैयार हुआ था स्टैच्यू ऑफ यूनिटी, चीन और अमेरिका भी रह गए थे हैरान
हटके डेस्क: शंघाई को-ऑपेरशन ऑर्गेनाइजेशन ने दुनिया के आठ अजूबों में अब गुजरात के स्टैच्यू ऑफ यूनिटी को भी शामिल कर लिया है। इसकी जानकारी विदेश मंत्री एस जयशंकर ने दी। 182 मीटर ऊंची ये प्रतिमा कई मायनों में ख़ास है। उस मूर्ति ने देश का नाम विश्व पटल पर रोशन किया है। लौह पुरुष सरदार वल्लभ भाई पटेल की विशालकाय मूर्ति गुजरात के नर्मदा जिले में बनाई गई है। आज हम आपको तस्वीरों में दिखाने जा रहे हैं कि विश्व की सबसे ऊंची मूर्ति को कैसे बनाया गया था...
182 फ़ीट ऊंची ये मूर्ति दुनिया में सबसे ऊंची है। इसने चीन के 120 मीटर के स्प्रिंग बुद्ध और अमेरिका की 90 मीटर ऊंची स्टैच्यू को काफी पीछे छोड़ दिया है।
इस मूर्ति में दो लिफ्ट लगाए गए हैं। इसमें एक साथ दो सौ लोग पटेल के सीने तक पहुंच सकते हैं। वहां से आपको सरदार सरोवर डैम दिख जाएगा।
इस मूर्ति को बनाने में चार हजार से ज्यादा मजदूरों ने दो शिफ्ट में काम किया था। इसमें 800 लोकल और 200 चीन से आए मजदुर भी शामिल थे।
मूर्ति के निर्माण के समय पूरे देश से लोहा मांगा गया था। ऐसा इसलिए क्योंकि सरदार को लौह पुरुष भी कहा जाता है। पूरा देश उनसे जुड़े इस कारण पीएम मोदी ने देश के कोने-कोने से लोहा मंगवाया था।
33 महीने के अंदर इस मूर्ति का निर्माण किया गया, जो अपने आप में एक रिकॉर्ड है।
इसके निर्माण में 70 हजार टन सीमेंट, साढ़े 18 हजार लोहा, 6 हजार टन स्टील और 17 सौ मीट्रिक टन कांसे का इस्तेमाल किया गया था।
इस मूर्ति की मजबूती की बात करें तो 6.5 रिक्टर के भूकंप में भी ये मूर्ति नहीं गिरेगी।
साथ ही 180 किलोमीटर प्रति घंटे चलने वाली हवा भी इसका कुछ नहीं बिगाड़ पाएगी।
अब इस मूर्ति को दुनिया के आठ अजूबों में शामिल कर लिया गया है।