Nepal Air crash: पति के सपनों को सच करने के लिए अंजू बनी थी पायलट, मिलने वाला था प्रमोशन लेटर

Published : Jan 16, 2023, 05:45 PM ISTUpdated : Jan 16, 2023, 09:25 PM IST

Nepal Air crash: करीब 12 साल पहले पायलट पति के सपनों को अंजू खातीवाड़ा ने पंख लगाया था। पति की तरह वह भी पायलट बन हवाओं में सैर करने लगी। दरअसल, पति-पत्नी दोनों एक सुखमय जीवन जी रहे थे कि एक विमान हादसा ने अंजू का सबकुछ छीन लिया। पति क्रैश में मारे गए। क्रैश में मारे गए पायलट पति के सपनों को रंग भरने के लिए उसने पायलट ट्रेनिंग ली। रविवार की सुबह अंजू के साथ ही उसके पति का सपना भी क्रैश हो गया। यह कहानी एक को-पायलट अंजू खातीवाड़ा की है जो अपने मरे हुए पायलट पति के सपनों को साकार करने में लगी हुई थी। कुछ ही दिनों बाद उसे स्वतंत्र उड़ान के लिए भी खुशखबरी मिलने वाली थी लेकिन....

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Nepal Air crash: पति के सपनों को सच करने के लिए अंजू बनी थी पायलट, मिलने वाला था प्रमोशन लेटर

नेपाल के पोखरा में 15 जनवरी को हुए येति एयरलाइन के विमान के हादसा में 72 मारे गए लोगों में को-पायलट अंजू खातीवाड़ा भी थी। अंजू ने 2010 में अपने पायलट पति की प्रेरणा से प्लेन उड़ाना सीखने के बाद नेपाल एयरलाइन्स में शामिल हुई थी।

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अंजू के पति दीपक पोखरेल भी एक पायलट थे। 2006 में जुमला में येती एयरलाइंस के ट्विन ओटर विमान की दुर्घटना में उनकी मौत हो गई थी। येति एयरलाइन के प्रवक्ता ने बताया कि पति दीपक पोखरेल की मौत के बाद अंजू खातीवाड़ा ने अपने पति की मृत्यु के बाद बीमा से मिले पैसों से पायलट ट्रेनिंग ली क्योंकि उसके पति चाहते थे कि वह भी पायलट बने।
 

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अंजू खातीवाड़ा के पास 6400 घंटों का प्लेन उड़ाने का एक्सपीरियंस था। वह काठमांडू, पोखरा, बरतौला आदि टूरिस्ट जगहों पर उड़ान भर चुकी थीं। 44 वर्षीय अंजू खातीवाड़ा को भी कुछ ही दिनों में प्रमोशन मिलने वाला था। वह मुख्य पायलट बनने वाली थी। लेकिन रविवार को उनके लिए ब्लैक संडे साबित हुआ। अंजू खातीवाड़ा के साथ मुख्य पायलट भी थे जो प्लेन के कैप्टन थे, कमल केसी। कमल केसी केपास 21900 से अधिक घंटों का प्लेन उड़ाने का एक्सपीरियंस था। 
 

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खटारा सिस्टम है हादसा की वजह

इस हादसा के बाद नेपाल के घरेलू उड़ान कंपनी पर सवाल खड़े हो रहे हैं। दरअसल, नेपाल का यति एयरलाइन बेहद पुराने मॉडल के विमान का आज भी इस्तेमाल कर रही है। साथ ही उसके अन्य सिस्टम भी अपग्रेडेड नहीं है जोकि नेपाल की पहाड़ी जोखिम वाले उड़ान क्षेत्र के लिए बेहद खतरनाक है। दरअसल, नेपाल के पहाड़ी और दुर्गम क्षेत्र वैसे ही उड़ान भरने के लिए काफी खतरनाक माने गए हैं। पढ़िए पूरी खबर...

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नेपाल में हवाई सफर यानी मौत की यात्रा

नेपाल में रविवार को यति एयरलाइन्स का ATR 72-500 विमान क्रैश हो गया। इस विमान में 72 यात्री सवार थे। इस विमान हादसे में सभी पैसेंजर्स मारे गए हैं। मरने वालों में पांच भारतीय पैसेंजर्स भी शामिल हैं। नेपाल की एयरलाइन सर्विस पैसेंजर्स की कब्रगाह बनती जा रही है। पिछले 30 साल में नेपाल में 28 क्रैश हो चुके हैं और इस क्रैश में सैकड़ों लोग मारे जा चुके हैं। टेक्नोलॉजी, मेंटेनेंस में विफल नेपाल के एयरलाइन्स लोगों की जान को लगातार संकट में डाल रहे हैं। पढ़िए पूरी खबर...

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