इसलिए ईरान और अमेरिका में पटरी नहीं बैठती
वर्ष 2015 में अमेरिका और ईरान में एक परमाणु समझौता हुआ था। यानी ओबामा के अमेरिकी राष्ट्रपति रहते समय दोनों देशों के संबंध थोड़ा सुधरे थे। लेकिन ट्रंप ने राष्ट्रपति बनने के बाद यह समझौता रद्द कर दिया। इससे दुश्मनी फिर बढ़ गई। अमेरिका ईरान को परमाणु बम बनाने से रोकना चाहता है। हालांकि बिडेन ने इस डील को फिर से लागू करने की कोशिश शुरू की।
इस बीच संयुक्त राष्ट्र ने शनिवार को पुष्टि की है कि ईरान ने हिरासत में लिए गए ईरानी-अमेरिकी, 85 वर्षीय बाकर नमाजी को देश छोड़ने की अनुमति दी है और उनके 50 वर्षीय बेटे सियामक नमाजी को नजरबंदी से रिहा कर दिया है। बाकर यूनिसेफ के एक पूर्व अधिकारी हैं जिन्हें फरवरी 2016 में हिरासत में लिया गया था जब वह सियामक की रिहाई के लिए दबाव बनाने के लिए ईरान गए थे, जिन्हें पिछले साल अक्टूबर में गिरफ्तार किया गया था। दोनों को अक्टूबर 2016 में जासूसी का दोषी ठहराया गया था और 10 साल जेल की सजा सुनाई गई थी।