काबुल. यह हृदयविदारक(Heartbreaking) तस्वीर हजारा समुदाय की मर्जिया और हाज़र(Marzia and Haajar) नामक दो सहेलियों की है। वे साथ पले-बढ़े हुए, साथ स्कूल जाते थे और अफसोस है किअब एक-दूसरे के बगल में उनकी कब्र हैं। अफगानिस्तान की राजधानी काबुल में एक एजुकेशन इंस्टीट्यूट पर आत्मघाती हमलावर(suicide bomber struck) ने हमला किया था, जिसमें कम से कम 19 लोग मारे गए। हालांकि अफगानिस्तान के एक जर्नलिस्ट बिलाल सरवरी ने हमले में 100 स्टूडेंट्स की मौत होने का दावा किया है। सरवरी का कहना है कि तालिबान ने हॉस्पिटल के मालिक को धमकाया है कि वो कोई भी जानकारी मीडिया को लीक न करें। यह हमला शिया मुसलमानों; खासकर अफगानिस्तान की हज़ारा(Hazara) कम्युनिटी पर है। ISKP (इस्लामिक स्टेट खोरासान ग्रुप) लगातार शिया इन्हें टार्गेट कर रहा है। हज़ारा मध्य अफगानिस्तान में बसने वाला और दरी फ़ारसी की हज़ारगी उपभाषा बोलने वाला एक समुदाय है। यह लगभग सारे शिया इस्लाम के अनुयायी होते हैं। ये अफगानिस्तान का तीसरा सबसे बड़ा समुदाय हैं। पढ़िए पूरी डिटेल्स...