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काबुल की रूह कंपाने वाली तस्वीरें: तोड़ेंगे दम मगर; तेरा साथ न छोड़ेंगे, एग्जाम के बीच बच्चों के उड़े चीथड़े
काबुल. यह हृदयविदारक(Heartbreaking) तस्वीर हजारा समुदाय की मर्जिया और हाज़र(Marzia and Haajar) नामक दो सहेलियों की है। वे साथ पले-बढ़े हुए, साथ स्कूल जाते थे और अफसोस है किअब एक-दूसरे के बगल में उनकी कब्र हैं। अफगानिस्तान की राजधानी काबुल में एक एजुकेशन इंस्टीट्यूट पर आत्मघाती हमलावर(suicide bomber struck) ने हमला किया था, जिसमें कम से कम 19 लोग मारे गए। हालांकि अफगानिस्तान के एक जर्नलिस्ट बिलाल सरवरी ने हमले में 100 स्टूडेंट्स की मौत होने का दावा किया है। सरवरी का कहना है कि तालिबान ने हॉस्पिटल के मालिक को धमकाया है कि वो कोई भी जानकारी मीडिया को लीक न करें। यह हमला शिया मुसलमानों; खासकर अफगानिस्तान की हज़ारा(Hazara) कम्युनिटी पर है। ISKP (इस्लामिक स्टेट खोरासान ग्रुप) लगातार शिया इन्हें टार्गेट कर रहा है। हज़ारा मध्य अफगानिस्तान में बसने वाला और दरी फ़ारसी की हज़ारगी उपभाषा बोलने वाला एक समुदाय है। यह लगभग सारे शिया इस्लाम के अनुयायी होते हैं। ये अफगानिस्तान का तीसरा सबसे बड़ा समुदाय हैं। पढ़िए पूरी डिटेल्स...
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तालिबान सरकार में पुलिस प्रवक्ता खालिद जादरान के अनुसार, पश्चिमी काबुल के दश्त-ए-बारची इलाके में शुक्रवार(30 सितंबर) तड़के हुए विस्फोट में 27 अन्य घायल हो गए। यह शिया मुस्लिम बहुल इलाका है, जहां अल्पसंख्यक हज़ारा समुदाय रहता है।
जब यह आत्मघाती हमला हुआ, तब छात्र परीक्षा की तैयारी कर रहे थे। ऑनलाइन पोस्ट किए गए वीडियो और स्थानीय मीडिया द्वारा प्रकाशित तस्वीरों में खून से लथपथ पीड़ितों को घटनास्थल से ले जाते हुए दिखाया गया है।
पुलिस प्रवक्ता खालिद जादरान ने कहा कि पीड़ितों में हाई स्कूल से ग्रेजुएट मर्जिया और हाज़र सहित कुछ लड़के शामिल हैं। ये काज शिक्षा केंद्र में प्रैक्टिस यूनिवर्सिटी एंट्रेंस एग्जाम दे रहे थे। अफगानिस्तान में आमतौर पर शुक्रवार को स्कूल बंद रहते हैं।
एक घायल छात्र ने कहा कि मरने वालों में ज्यादातर लड़कियां थीं। उसने कहा-"हम कक्षा में लगभग 600 (छात्र) थे, लेकिन हताहत होने वालों में ज्यादातर लड़कियां हैं।"
यह तस्वीर सोशल मीडिया पर शेयर की गई है। इसमें कहा जा रहा है कि ये एग्जाम के पहले और बाद की है। पहली तस्वीर में बड़ी संख्या में बच्चे बैठे दिख रहे हैं।
इस तस्वीर को देखकर समझा जा सकता है कि आत्मघाती हमलावर के हमले के बाद एग्जाम कॉपियां कैसे खून में रंग गईं।
यह तस्वीर स्कूल पर हमले के बाद की है। ब्लास्ट इतना भयंकर था कि क्लास में बैठकर एग्जाम दे रहे बच्चों के चीथड़े उड़ गए।
इससे पहले 2021 में तालिबान के अफगानिस्तान पर कब्जा करने से पहले दश्त-ए-बारची में स्कूल के पास तीन बम विस्फोटों में कम से कम 85 लोग मारे गए थे। इनमें ज्यादातिर गर्ल्स थीं। हमले में लगभग 300 अन्य घायल हो गए थे। इस हमले की जिम्मेदारी किसी भी आतंकवादी समूह ने नहीं ली थी। हालांकि एक साल पहले, आईएसआईएल ने उसी क्षेत्र में एक शैक्षिक केंद्र पर आत्मघाती हमले की जिम्मेदारी ली थी, जिसमें छात्रों सहित 24 लोग मारे गए थे। इस साल अप्रैल में इलाके के अलग-अलग शिक्षा केंद्रों में हुए दो घातक बम विस्फोटों में छह लोगों की मौत हो गई और 20 अन्य घायल हो गए।
(यह तस्वीर हजारा समुदाय की मर्जिया और हाज़र की कब्र की है)