24 घंटे में 368 लोगों की मौत, 6 करोड़ लोग घरों में कैद; चीन से बदतर इस देश के हाल
रोम. दुनिया के 158 देश कोरोनावायरस की चपेट में हैं। अब तक 6526 लोगों की मौत हो चुकी है। चीन के वुहान से निकले इस वायरस से 1 लाख 70 हजार से ज्यादा संक्रमित केस सामने आ चुके हैं। कोरोना से चीन में अकेले 3213 लोगों की मौत हो चुकी है। जहां एक ओर चीन स्थिति पर काबू करने में जुटा है, वहीं, इटली में हालत बद से बदतर हो चुके हैं। इटली में कोरोना से पहली मौत 21 फरवरी को हुई थी। यहां 24 दिन में 1813 लोगों की मौत हो चुकी है। यानी हर दिन 75 लोगों की मौत हो रही है।
Asianet News Hindi | Published : Mar 16, 2020 11:56 AM IST / Updated: Mar 24 2020, 04:57 PM IST
इटली में पिछले 24 घंटे में 368 लोगों की मौत हुई है। यह संख्या में चीन में रविवार को हुई मौतों से कई गुना ज्यादा है। चीन में रविवार को 14 लोगों की मौत हुई है। इटली में लोम्बार्डी शहर सबसे ज्यादा प्रभावित है। इसे अब नया वुहान कहा जा रहा है।
वुहान में ही कोरोना का पहला सामने आया था। हुबेई प्रांत के इस शहर में अब तक 2500 लोगों की मौत हो चुकी है। करीब 50 हजार लोग अभी भी संक्रमित हैं। हुबेई में रविवार को 4 लोगों की मौत हुई है।
इटली में आधिकारिक तौर पर 20 फरवरी को पहले केस की पुष्टि हुई थी। यहां 25 दिनों में ही स्थिति बेहद खराब हो गई। लगातार बढ़ते मामलों के चलते इटली के लोम्बार्डी में अस्पतालों में जगह नहीं बची।
यहां तक की मरीजों को अस्पताल पहुंचाने के लिए एम्बुलेंस कम पड़ गई हैं। ICU में भी जगह नहीं बची। डॉक्टरों की कमी है। यहां तक की डॉक्टर अस्पतालों के बाहर मरीजों की जांच कर रहे हैं।
खुद डॉक्टर भी संक्रमित होने लगे हैं। स्वास्थ्य विशेषज्ञों का मानना है कि इटली में हालात और भी खराब हो सकते हैं।
बढ़ती हुई मरीजों की संख्या को देखते हुए अस्थाई अस्पताल और आईसीयू सेंटर भी बनाए जा रहे हैं। (इटली के मिलान में तैयार होता आईसीयू))
हाल ही में इटली की दुर्दशा को बताती हुई एक नर्स की फोटो भी वायरल हुई। फोटो में नर्स काफी थकी नजर आ रही है। उसने की-बोर्ड पर हाथ रखे हैं और सो रही है। यह फोटो उत्तरी लोम्बार्डी के एक अस्पताल की है। नर्स का नाम एलीन पेग्लियारिनी है।
इटली का लोम्बार्डी सबसे समृद्धशाली शहरों में है। यह जगह स्वास्थ्य सुविधाओं के लिए जानी जाती है। लेकिन अब कोरोना के चलते यहां भी स्थिति काफी खराब हो चुकी है। यहां ज्यादा काम के चलते स्वास्थ्यकर्मी तनाव महसूस कर रहे हैं।
पेग्लियारिनी ने तस्वीर वायरल होने के बाद कहा, मैं अपनी फोटो को हर जगह देखकर काफी क्रोध में हूं। मुझे अपनी कमजोरी दिखाने पर शर्म आ रही है। मैं जरूरत पड़ने पर 24 घंटे तक काम कर सकती हूं।
पेग्लियारिनी उन मेडिकल स्टाफ में से ही हैं, जो इस भयाभय स्थिति को देखकर चिंता में हैं। पेग्लियारिनी के अलावा बरगैमे में एक अस्पताल में काम करने वाली डेनियल ने फेसबुक पोस्ट पर लिखा, मैं अपने परिवार से पिछले 2 हफ्ते से नहीं मिली। मुझे डर है कि कहीं मेरा बेटा और परिवार कोरोना की चपेट में ना आ जाए।
इसी तरह से एक नर्स एलेसिया बोनारी लिखती हैं कि मास्क उनके चेहरे पर फिट नहीं आ रहा। उनकी आंखें भी अच्छे से कवर नहीं हो पाती। उन्होंने बताया कि अस्पताल के स्टॉफ को 6-6 घंटों तक बिना पानी पीए, बिना टॉयलेट जाए काम करना पड़ रहा है।
एलेसिया ने लिखा, मैं मरीजों की देखभाल करूंगी। मुझे मेरी नौकरी से प्यार है। मैं इस परेशानी के वक्त खुद को घर में बंद नहीं कर सकती हूं। एलेसिया के चेहरे पर मास्क पहने निशान भी पढ़ गए हैं।
इटली में 8 मार्च से लॉकडाउन है। यहां 6 करोड़ लोग घरों में रहने को मजबूर हैं। हमेशा पर्यटकों से भरे रहने वाले इस देश की सड़कें अब सुनसान हैं।
दुनिया के ज्यादातर देशों ने इटली समेत यूरोप के अन्य देशों तक जाने वालीं फ्लाइटों पर रोक लगा दी है।
पूरा इटली बंद है। सिर्फ मेडिकल स्टोर, ग्रॉसरी शॉप ही खोली जा रही हैं।
इटली की सुनसान सड़कें कोरोना के कहर को बता रही हैं।
इटली में मेडिकल स्टाफ और मरीजों के हौसला अफजाई के लिए लोग अपने घर की बालकनी, खिड़कियों पर निकलकर तालियां बचाते भी नजर आते हैं।