कोरोना की दहशत के बीच मासूमों के लिए मां बनीं नर्सें, पिलाया अपना दूध, रखा अपने बच्चे की तरह ख्याल

वुहान. चीन में कोरोनावायरस के चलते पिछले 2 महीनों में हालत काफी खराब हैं। यहां के हूबेई के वुहान से ही कोरोना का पहला मामला सामने आया था। चीन में अब तक 3200 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। हालांकि, अब हालात कुछ स्थिर होने लगे हैं। मंगलवार को यहां सिर्फ 13 नए मामले सामने आए हैं।  लेकिन चीन में मेडिकल कर्मियों ने इस दौरान जो योगदान दिया है, उसकी हर तरफ तारीफ हो रही है। ऐसा ही कुछ देखने को मिला वुहान में बच्चों के एक अस्पताल में। यहां नर्सें इन बच्चों के लिए मां तक बन गईं। इन नर्सों ने हफ्तों तक बिना छुट्टी लिए काम किया और बच्चों को नया जीवन दिया। 
 

Asianet News Hindi | Published : Mar 18, 2020 12:02 PM IST / Updated: Mar 24 2020, 04:55 PM IST
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कोरोना की दहशत के बीच मासूमों के लिए मां बनीं नर्सें, पिलाया अपना दूध, रखा अपने बच्चे की तरह ख्याल
जनवरी के आखिर में जब वुहान में कोरोना का कहर बढ़ा था तो वुहान के बच्चों के अस्पताल में अचानक से बच्चों की संख्या में वृद्धि हो गई। यहां तैनात वांग यानली समेत उनकी तमाम सहयोगी इन बच्चों को देखकर तनाव में आ गईं। उन्होंने इस तरह से कभी सुरक्षात्मक गाउन भी नहीं पहना था।
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इस अस्पताल में डॉक्टर वांग ने बताया, हमें यह बिल्कुल भी अंदाजा नहीं था कि ऐसी स्थिति का सामना तकरना पड़ेगा। हमें हर तरफ गंभीर हालत भर्ती बच्चे नजर आ रहे थे।
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इसके बाद यहां अस्पताल में प्रशासन की ओर ट्रेनिंग और जरूरी औजार, सामान मुहैया कराए गए। बच्चों को बुखार और कफ की शिकायत थी।
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उन्होंने बताया, बच्चों का इलाज करना इतना कठिन नहीं था, लेकिन बच्चों के चिंतित परिजनों को समझाना ज्यादा कठिन काम था। पिछले 6 हफ्तों में यहां 700 बच्चे भर्ती कराए गए। इनमें से 600 अब ठीक हो चुके हैं। हालांकि, अभी 14 दिन तक वे आइसोलेशन में रहेंगे।
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उन्होंने बताया, कई ऐसे बच्चे थे, जिनके माता पिता भी अस्पताल में भर्ती थे। इसलिए नर्सों को ही मां और पिता दोनों बनना पड़ा।
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एक अन्य नर्स सॉन्ग किंग ने बताया, कई नर्सों को तो मां तक बनना पड़ा। इस दौरान अस्पताल प्रशासन ने नर्सों का एक ग्रुप बनाया था, वे बच्चों को दूध पिलाती थीं, उन्हें नहलाती थीं और उनका डाइपर चेंज करती थीं।
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उन्होंने बताया, कुछ नर्सों की शादी भी नहीं हुई थी। ऐसे में उन्हें बच्चों का ख्याल रखने का अनुभव भी नहीं था। इसके अलावा बच्चों के अस्पताल के चलते नर्सों को अतिरिक्त ध्यान रखना पड़ता था, जिससे बच्चों में संक्रमण और ना फैले।
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चीन में वुहान में ही कोरोना से पहली मौत हुई थी। हूबेई में अब तक 3122 लोगों की मौत हो चुकी है। चीन में मंगलवार को 11 लोगों की मौत हुई, इनमें से सिर्फ 1 मौत वुहान में हुई।
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ऐसे में वुहान में अब स्थिति काफी हद तक ठीक मानी जा रही है। जनवरी के आखिर में यहां हर रोज सैकड़ों लोगों की मौत हो रही थी। वुहान में 16 अस्थाई अस्पताल भी बनाए गए थे।
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ऐसे में वुहान में अब स्थिति काफी हद तक ठीक मानी जा रही है। जनवरी के आखिर में यहां हर रोज सैकड़ों लोगों की मौत हो रही थी। वुहान में 16 अस्थाई अस्पताल भी बनाए गए थे।
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हजारों लोग ठीक भी हो गए हैं। अब ये टीमें भी लौटने लगी हैं। यहां सोमवार को पहली मेडिकल टीम अपने घरों के लिए रवाना हुई।
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चीन में डॉक्टरों को भगवान की तरह माना जा रहा है। जिस तरह से डॉक्टरों ने कोरोना से लड़ने में काम किया है, उनकी हर तरफ तारीफ हो रही है।
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चीन में इलाज के दौरान कई डॉक्टरोंं की भी जान चली गई है। इस दौरान कई डॉक्टर भी संक्रमित हो गए हैं।
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