दावा: भारत में महज इतने रुपए में मिल सकती है ऑक्सफोर्ड की कोरोना वैक्सीन

लंदन. भारत में कोरोना के मामले अब भी काफी तेजी से बढ़ रहे हैं। कोरोना संक्रमितों की बढ़ती संख्या में भारत पहले पायदान पर पहुंच गया है। ऐसे में दुनियाभर के सैकड़ो देश कोरोना वैक्सीन इजात करने में लगे हुए हैं। कुछ देश वैक्सीन के ट्रायल के अंतिम फेज में पहुंच चुके हैं। ऐसे में अब लोग कोरोना वैक्सीन के ट्रायल से उम्मीद लगाए बैठे हैं। इस मामले में लोगों को सबसे ज्यादा उम्मीदें ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी की वैक्सीन से है। इसका ह्यूमन ट्रायल अंतिम चरण में है। इसे लेकर मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया जा रहा है कि भारत में ये गरीबों और मध्यम वर्गीय परिवार को महज 225 रुपए में मिल सकती है। 

Asianet News Hindi | Published : Aug 8, 2020 10:36 AM IST
16
दावा: भारत में महज इतने रुपए में मिल सकती है ऑक्सफोर्ड की कोरोना वैक्सीन

दुनिया में कोरोना की वैक्सीन विकसित करने में जो कंपनियां और देश सबसे आगे हैं, उनमें अमेरिका की मॉडर्ना, रूस और ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी प्रमुख हैं। वैक्सीन बनाने वाली दुनिया की सबसे बड़ी कंपनियों में शुमार सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया भी ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी में विकसित की जा रही कोरोना वैक्सीन में पार्टनर है।

26

ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी में विकसित की जा रही कोरोना वैक्सीन के सफल ट्रायल के बाद सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया भारत में बड़े पैमाने पर इसका उत्पादन करेगी। इस कंपनी के CEO अदर पूनावाला ने बीते दिनों कहा था कि भारत में यह वैक्सीन कोवीशील्ड के नाम से बेची जाएगी और इसकी कीमत एक हजार रुपए तक हो सकती है।

36

हालांकि, मीडिया रिपोर्ट्स के दावे की मानें तो सीरम कंपनी कोरोना वैक्सीन को भारत में सिर्फ 225 रुपए की दर से बेच सकती है। रिपोर्ट के अनुसार, सुरक्षा मंजूरी मिलने के बाद निम्न और मध्यम-आय वाले देशों में ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका कोविड-19 वैक्सीन को केवल 3 डॉलर यानी लगभग 225 रुपए की कीमत में लोगों को दी सकती है। 

46

कोरोना वैक्सीन इतने सस्ते में इसलिए मिल रही है क्योंकि बताया जा रहा है कि गेट्स फाउंडेशन जो वैक्सीन उत्पादन करने वाली कंपनियों को लगभग 150 मिलियन डॉलर का जोखिम-फंड दे रहा है। इस पैसे से सीरम कंपनी को विनिर्माण लागत को कम से कम करने में मदद मिलेगी।

56

सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया के सीईओ अदर पूनावाला ने एक बयान में कहा था कि 'वायरस के व्यापक प्रसार ने पूरी दुनिया को अनिश्चितता में डाल दिया है। पूरी दुनिया में टीकाकरण और महामारी को रोकने के लिए यह सुनिश्चित करना महत्वपूर्ण है कि दुनिया के सबसे दूरदराज और सबसे गरीब देशों में सस्ता इलाज और निवारक उपायों की पहुंच संभव हो सके। इस एसोसिएशन के माध्यम से, इस भयानक बीमारी से लाखों लोगों के जीवन को बचाने के लिए अपने निरंतर प्रयासों को पूरा करना चाहते हैं।'
 

66

ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय की वैक्सीन को पिछले सप्ताह भारत में चरण 2 और 3 के परीक्षणों को शुरू करने की परमिशन मिली है। भारत में नोवाक्सिन के परीक्षण के लिए अभी मंजूरी का इंतजार है

Share this Photo Gallery
click me!

Latest Videos

Recommended Photos