जानें कोरोना वैक्सीन की दूसरी डोज ना लेने से क्या हो सकते हैं नुकसान, क्यों है जरूरी?

भारत में आज से कोरोना के खिलाफ जंग का ऐलान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा कर दिया गया है। 16 जनवरी यानी की आज से भारत में वैक्सीनेशन प्रोग्राम शुरू हो गया है। इसे अब तक का सबसे बड़ा प्रोग्राम बताया जा रहा है।

Asianet News Hindi | Published : Jan 16, 2021 12:58 PM IST
16
जानें कोरोना वैक्सीन की दूसरी डोज ना लेने से क्या हो सकते हैं नुकसान, क्यों है जरूरी?

खबरों में बताया जा रहा है कि वायरोलॉजिस्ट्स कोरोना वैक्सीन की दोनों डोज का सख्ती से पालन करने की सलाह दे रहे हैं। उनका कहना है कि वैक्सीन की पहली डोज शरीर में लॉन्चपैड के रूप में काम करेगी और इम्यून सिस्टम को ठीक करेगी। 

26

वहीं, दूसरी डोज को लेकर वायरोलॉजिस्ट्स का कहना है कि इससे इम्यून रिस्पॉन्स को वायरस के खिलाफ मजबूत बनाती है। वैक्सीन की पहली डोज इम्यूनोलॉजिकल रिस्पॉन्स बनाती है, जिससे तीन से चार हफ्तों के बीच में बॉडी में न्यूट्रलाइजिंग एंटीबॉडी बनने लगती है।
 

36

ICMR के वरिष्ठ वैज्ञानिक रमन गंगाखेडकर के हवाले से टाइम्स ऑफ इंडिया द्वारा बताया जा रहा है कि 'वैक्सीन की दूसरी डोज शरीर में एंटीबॉडी के साथ-साथ टी सेल्स (T cells) बढ़ाने का काम करेगी।' 

46

'इन टी सेल्स को किलर सेल्स भी कहा जाता है। ये वायरस पर इम्यून रिस्पॉन्स के साथ मिलकर काम करती हैं। इसके अलावा वैक्सीन की दूसरी डोज से दोहरी सुरक्षा मिलेगी।'

56

वहीं, वैक्सीन रिसर्चर प्रसाद कुलकर्णी के हवाले से कहा जा रहा है कि वैक्सीन की पहली डोज निश्चित तौर पर कुछ समय के लिए वायरस पर काम करेगी, लेकिन दूसरी डोज एंटीबॉडी को कई गुना बढ़ा देगी, जिससे वायरस के खिलाफ लंबी इम्यूनिटी मिलेगी। इसका सीधा मतलब है कि वैक्सीन दो महीने में वायरल के खिलाफ पूरी तरह से सुरक्षा देगी।

66

इतना ही नहीं, हेल्थ एक्सपर्ट्स का कहना है कि कोरोना वायरस वैक्सीन लेने के बाद भी लोगों को मास्क पहनने और सोशल डिस्टेंसिंग जैसे नियमों का पालन करना होगा तभी इस वायरस से पूरी तरह से आजादी मिल सकती है।

Share this Photo Gallery
click me!

Latest Videos

Recommended Photos