अश्वेत की हत्या पर हिंसा की आग में झुलसा US, व्हाइट हाउस के बाहर चले पत्थर, ट्रंप को बंकर में लेनी पड़ी शरण

वॉशिंगटन. कोरोना महामारी की मार झेल रहे अमेरिकी में जॉर्ज फ्लॉयड की मौत के बाद अश्वेतों का प्रदर्शन उग्र होता जा रहा है। अमेरिका के 30 शहर हिंसा की आग में झुलस रहे हैं। इसकी आंच रविवार को व्हाइट हाउस तक पहुंच गई है। राजधानी वाशिंगटन में मामला इतना बिगड़ गया कि मेयर ने रात को 11 बजे से लेकर सुबह 6 बजे तक कर्फ्यू का ऐलान कर दिया। वहीं, व्हाइट हाउस के पास लगातार तीसरे दिन भी विरोध प्रदर्शन का सिलसिला जारी रहा।

Asianet News Hindi | Published : Jun 1, 2020 7:10 AM IST
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अश्वेत की हत्या पर हिंसा की आग में झुलसा US, व्हाइट हाउस के बाहर चले पत्थर, ट्रंप को बंकर में लेनी पड़ी शरण

व्हाइट हाउस के पास प्रदर्शन कर रही भीड़ ने एक कूड़ेदान में आग लगा दी और पुलिस से धक्कामुक्की भी की। मामला इतना बिगड़ गया कि सुरक्षा में तैनात सीक्रेट सर्विस एजेंट्स राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को वाइट हाउस में बने सुरक्षात्मक बंकर में लेकर चले गए। 

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हालांकि, अधिकारियों ने बाद में बताया कि उनकी सुरक्षा को खतरा नहीं था। Guardian की रिपोर्ट में लिखा गया है कि ट्रंप को 'भागकर' बंकर में शरण लेनी पड़ी, वहीं सोशल मीडिया पर कई एक्विविस्ट ने भी ट्रंप के बंकर में 'भागने' और 'छिपने' की बात कही है। 

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रिपोर्ट के मुताबिक, शुक्रवार की रात सीक्रेट सर्विस एजेंट्स की सलाह पर ट्रंप बंकर में गए। करीब एक घंटा उन्होंने बंकर में बिताया। अश्वेत नागरिक की मौत का विरोध कर रहे प्रदर्शनकारी कई शहरों में हिंसक हो गए हैं। बीते दिनों में उन्होंने कई जगहों पर इमारतों में आग लगा दी और दुकानों को लूट लिया। 

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व्हाइट हाउस के बाहर सैकड़ों की संख्या में प्रदर्शनकारी जमा हो गए थे जिन पर काबू पाने के लिए सुरक्षा बलों को काफी मशक्कत करनी पड़ रही थी। न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, राष्ट्रपति भवन के अंदर तनाव का माहौल हो गया था। प्रदर्शनकारी गेट तक आ गए थे और ईंटें और बोतलें फेंकने लगे थे। हालांकि मौके पर पहुंची वॉशिंगटन पुलिस ने वाइट हाउस के आसपास से उपद्रवियों को खदेड़ दिया।

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सीक्रेट सर्विस के एजेंट्स ने पहना दंगारोधी पोशाक
रविवार को भी वाइट हाउस के पास बिगड़े हालात के कारण राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के आधिकारिक निवास पास प्रदर्शन कर रहे लोगों को खदेड़ने के लिए सीक्रेट सर्विस एजेंट्स को रॉयट गियर (दंगारोधी पोशाक) पहनना पड़ा था। बता दें कि अश्वेत व्यक्ति जॉर्ज फ्लॉयड की मौत का वीडियो वायरल होने के बाद से ही अमेरिका के कई शहरों में शुक्रवार से हिंसक प्रदर्शनों का दौर जारी है। इनमें से कुछ प्रदर्शनों ने उग्र रूप ले लिया और पुलिस के साथ प्रदर्शनकारियों की झड़प हुई।

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ट्रंप ने वामपंथियों को बताया हिंसा के लिए जिम्मेदार
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अलग-अलग शहरों में जारी हिंसा के लिए देश के वामपंथ को जिम्मेदार ठहराया है। दंगाई निर्दोष लोगों को डरा रहे हैं, नौकरियों को नष्ट कर रहे हैं, बिजनेस को नुकसान पहुंचा रहे हैं और बिल्डिंग्स को जला रहे हैं। ट्रंप ने कहा कि जॉर्ज फ्लॉयड की याद को दंगाइयों, लुटेरों और अराजकतावादियों ने बदनाम किया है। 

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ट्रंप ने एक ट्वीट में कहा कि नेशनल गार्ड को मिनियापोलिस में हालात को काबू में करने के लिए उतार दिया गया है जो डेमोक्रेटिक पार्टी के मेयर नहीं कर सके। इनका दो दिन पहले ही इस्तेमाल किया जाना चाहिए। अब कोई और नुकसान नहीं होगा।

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ट्रंप बोले- आंदोलन हुआ हाइजैक
राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने आरोप लगाया है कि George के लिए शुरू हुए आंदोलन को हाइजैक कर लिया गया है और अब उन्होंने ऐसे लोगों को आतंकवादी घोषित करने का फैसला किया है। ट्रंप ने ट्वीट करके कहा है कि अमेरिका Antifa को आतंकवादी संगठन करार देगा। ट्रंप ने हिंसा के पीछे वामपंथी संगठनों को जिम्मेदार ठहराया है जिन्हें आमतौर पर Antifa कहा जाता है।

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क्या है पूरा मामला
मिनेपोलिस में 26 मई को फ्लॉयड को पुलिस ने धोखाधड़ी के आरोप में गिरफ्तार किया था। इससे पहले एक पुलिस अफसर ने फ्लॉयड को सड़क पर दबोचा था और अपने घुटने से उसकी गर्दन को करीब आठ मिनट तक दबाए रखा था। फ्लॉयड के हाथों में हथकड़ी थी। इसका वीडियो भी वायरल हुआ था। 

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इसमें 46 साल का जॉर्ज लगातार पुलिस अफसर से घुटना हटाने की गुहार लगाता रहा। उसने कहा, 'आपका घुटना मेरे गर्दन पर है। मैं सांस नहीं ले पा रहा हूं... ।’’ धीरे-धीरे उसकी हरकत बंद हो जाती है। इसके बाद अफसर कहते हैं, ‘उठो और कार में बैठो’, तब भी उसकी कोई प्रतिक्रिया नहीं आती। इस दौरान आस-पास काफी भीड़ जमा हुई। उसे अस्पताल ले जाया गया, जहां उसकी मौत हो गई।

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