जहां गिरा था नेपाल में प्लेन,वहां पहुंचना कितना खतरनाक था, देखिए Pics, शेरपा ही थे, जो सेना को वहां ले गए

काठमांडू. नेपाल के पर्वतीय मुस्तांग जिले(Mustang) में दुर्घटनाग्रस्त हुए तारा एयरलाइंस(Crashed Tara Air aircraft) का मलबा खोजने में माउंटेन गाइड पासंग तेंडी शेरपा( Mountain guide Pasang Tendi Sherpa) का बहुत बड़ा योगदान रहा। खराब मौसम और दुर्गम हिमालय में प्लेन को ढूंढ़ना आसान नहीं था। नेपाली आर्मी को इसका अच्छे से पता था, इसलिए उन्होंने रेस्क्यू में नेपाल नेशनल माउंटेन गाइड एसोसिएशन (NNMGA) के 9 माउंटेन गाइड्स को शामिल किया। बता दें कि तारा एयर का 9N-AET के इस दो इंजन वाले विमान ने रविवार(29 मई) की सुबह 9:55 बजे टेकऑफ किया था, लेकिन जल्द ही रडार से गायब हो गया। अगले दिन सेना के प्रवक्ता ब्रिगेडियर जनरल नारायण सिलवाल ने विमान का मलबा मिलने की जानकारी दी। जानकारी के अनुसार, जहां प्लेन का मलबा मिला, वो जगह समुद्र तल से करीब 4500 मीटर की ऊंचाई पर है। वहां आसानी से नहीं पहुंचा जा सकता। खासकर, जब यह रेस्क्यू चलाया गया, तब मौसम बेहद खराब था। यानी इस ऊंचाई पर सिर्फ वो ही लोग पहुंच सकते थे, जो अकसर ऐसी एडवेंचर करते रहे हैं। पढ़िए प्लेन क्रैश से जुड़े कुछ नए फैक्ट्स...
 

Amitabh Budholiya | Published : Jun 2, 2022 3:41 AM IST / Updated: Jun 02 2022, 09:12 AM IST
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जहां गिरा था नेपाल में प्लेन,वहां पहुंचना कितना खतरनाक था, देखिए Pics, शेरपा ही थे, जो सेना को वहां ले गए

29 मई को तारा एयरलाइंस के 9N-AET प्लेन के क्रैश होने की जानकारी मिलने के तुरंत बाद रेस्क्यू शुरू हो गया था। लेकिन जिस जगह पर प्लेन के गिरने की खबर थी, वहां तक पहुंचना हर किसी के वश की बात नहीं है। हालांकि 9 माउंटन गाइड की हेल्प से सेना ने यह रेस्क्यू 2 दिन यानी 31 मई का पूरा किया। नेपाल की लोकल मीडिया वेबसाइट nepalnews ने इस रेस्क्यू की कुछ तस्वीरें और जानकारी शेयर की हैं।

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माउंटेन गाइड की मदद से सेना घटनास्थल पर पहुंची और हादसे में मारे गए सभी 22 पैसेंजर्स के शवों को वहां से उठाकर लाने में कामयाब रही। बता दें कि इस हादसे में चार भारतीय अशोक कुमार त्रिपाठी, धनुष त्रिपाठी, रितिका त्रिपाठी और वैभवी त्रिपाठी की भी मौत हुई थी।

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नेपाल सेना, नेपाल पुलिस और नेपाल आर्म्ड फोर्स स्थानीय लोगों यानी 9 माउंटेन गाइड को लेकर घटनास्थल पर पहुंची। जब यह रेस्क्यू चल रहा था, तब बारिश हो रही थी। ऐसे में पहाड़ पर चढ़ना बेहद जोखिमपूर्ण था।

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माउंटेन गाइड पासंग तेंडी शेरपा ने nepalnews के बताया कि बेहद कठिन भौगोलिक जगह(extremely difficult geographical location) और प्रतिकूल मौसम के बावजूद रेस्क्यू टीम घटनास्थल तक पहुंचने में सफल रही।

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रेस्क्यू टीम दुर्घटनास्थल पर विमान के ब्लैक बॉक्स के साथ पैसे, गहने और अन्य सामान निकालने में सफल रही। माउंटेन गाइड शेरपा ने कहा कि सरकार को इमरजेंसी स्थिति के दौरान तत्काल स्पेशल रेस्क्यू टीम तैनात करने की व्यवस्था करनी चाहिए। उन्होंने गाइड्स को स्पेशल ट्रेनिंग दिलाने पर भी जोर दिया। बता दें कि शेरपा नेपाल और अन्य देशों में कई अन्य पहाड़ों के साथ माउंट एवरेस्ट को 4 बार फतह कर चुके हैं।

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