इन कैदियों में साधारण दोषी और राजनीतिक अपराध के दोषी दोनों ही तरह के लोग शामिल थे। इन कैदियों में रॉकेट वैज्ञानिक सर्गेई कोरोलेव भी थे, जिन्होंने आगे चलकर 1961 में रूस को अंतरिक्ष में पहला इंसान भेजने में मदद की। इन कैदियों में शामिल महान कवि वरलम शलमोव ने अपनी किताब में लिखा, तीन सप्ताह तक खतरनाक तरीके से काम, ठंड, भूख और पिटाई के बाद जानवर बन जाता था।