स्कूल की छुट्टी होने पर उछलते-खेलते निकले थे बच्चे, तभी हुए तीन भयंकर ब्लास्ट, आतंकवाद की सबसे डरावनी तस्वीरें

वर्ल्ड न्यूज. ये तस्वीरें अफगानिस्तान की राजधानी काबुल में 19 अप्रैल को हुए तीन बम ब्लास्ट के बाद की हैं। इस बार आतंकवादियों ने सीधे मासूम बच्चों को निशाना बनाया। काबुल के पश्चिमी इलाके में दो स्कूलों के बाहर हुए फिदायीन हमले(Suicide bomb attack) में 25  से अधिक बच्चों की मौत हो गई। 22 बच्चे घायल हैं, जिनमें से कइयों की हालत गंभीर है। इस आतंकी हमले की दुनियाभर में कड़ी निंदा हो रही है। बच्चे स्कूल की छुट्टी के बाद घर जाने के लिए बाहर खड़े थे, तभी 20-25 मिनट के अंतराल पर तीन धमाके हुए थे। बम ब्लास्ट के बाद कई बच्चों के चीथड़े उड़ गए। उनकी कॉपी-किताबों खून से सन गईं। तालिबान के गृह मंत्रालय के प्रवक्ता अब्दुल नफी ताकुर(Abdul Nafi Takur) ने कहा कि वे पश्चिमी काबुल में मंगलवार को हुए विस्फोटों के अपराधियों की पहचान करने और उन्हें दंडित करने के लिए सरकार काम कर रही है। देखिए कुछ तस्वीरें और जानिए क्या हुआ था...

Amitabh Budholiya | Published : Apr 20, 2022 5:46 AM IST / Updated: Apr 20 2022, 11:19 AM IST
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स्कूल की छुट्टी होने पर उछलते-खेलते निकले थे बच्चे, तभी हुए तीन भयंकर ब्लास्ट, आतंकवाद की सबसे डरावनी तस्वीरें

मंगलवार को पहला ब्लास्ट मुमताज एजुकेशनल सेंटर के पास हुआ था, जबकि दूसरा ब्लास्ट अब्दुल रहीम शहीद हाईस्कूल के सामने हुआ। जिस समय ये ब्लास्ट हुए, छुट्टी होने के बाद बच्चे घर जाने बाहर निकले थे। धमाके काबुल के दस्त-बार्ची एरिया में हुए। यहां शिया आबादी है।

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संयुक्त राष्ट्र महासचिव गुटेरेस(UN Secretary-General Guterres) ने हमलों को भयावह बताया और पीड़ितों के परिवारों के प्रति अपनी गहरी संवेदना व्यक्त की। एक बयान में संयुक्त राष्ट्र के राजनयिक ने कहा कि स्कूलों में या उसके आसपास हिंसा कभी भी स्वीकार्य नहीं है। स्कूल सुरक्षित ठिकाने और ऐसे स्थान होने चाहिए, जहां बच्चे सीख सकें और फल-फूल सकें।

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अफगानिस्तान में इस्लामिक स्टेट अकसर हमले करता आया है। इसलिए इन हमलों का शक उसी पर है। वो अफगानिस्तान की शिया मुस्लिम आबादी को टार्गेट करता है। यहां स्लामिक स्टेट 'इस्लामिक स्टेट ऑफ खुरासान प्राविंस' के नाम से एक्टिव है।

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एमनेस्टी इंटरनेशनल की दक्षिण एशिया प्रचारक समीरा हमीदी ने कहा कि स्कूलों पर ये निंदनीय हमले उस हिंसा को उजागर करते हैं, जिनका सामना अफगान लोग रोज करते हैं।

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ब्लास्ट के बाद बच्चों की कॉपी-किताबें यहां-वहां बिखर गईं। वे खून से सन गई थीं। घायल बच्चों को पीठ पर उठाकर लोग अस्पताल की तरफ भागे।

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