2 महीने बाद अदृश्य दुश्मन को हराकर लौटे ये योद्धा, किसी के चेहरे पर गम, तो कोई अच्छे दिनों की कर रहा उम्मीद

बीजिंग. दुनिया के 199 देश ऐसे हैं, जो कोराना वायरस के संकट से जूझ रहे हैं। वहीं चीन, जहां से यह वायरस दुनियाभर में फैला, में स्थिति अब काबू में है। यहां हर रोज 100 से कम मामले सामने आ रहे हैं। हालांकि, इससे पहले 2 महीने तक चीन ने विकट परिस्थितियों का सामना किया। लेकिन अदृश्य दुश्मन को हराने में चीन के मेडिकल स्टाफ की जितनी तारीफ की जाए, वह कम है। यहां मेडिकल स्टाफ ने हर परिस्थिति का सामना करते हुए डट कर खड़े रहे। अब चीन के वुहान में भी स्थिति सामान्य हो रही है। वुहान कोरोना वायरस से सबसे ज्यादा प्रभावित था। चीन में अब तक 3305 लोगों की मौत हुई है। यहां दूसरी जगहों से तैनात ज्यादातर मेडिकल टीमें अब लौट रही हैं। हाल ही में यहां 43 सदस्यों वाली मेडिकल टीम अन्हुई प्रांत में लौटी। ये सभी हेफई में तैनात थे और कोरोना वायरस के खिलाफ जंग लड़ रहे थे। हाल ही में ये सभी कैमरे के सामने आए तो उस वक्त किसी के चेहरे पर जीत की खुशी थी, तो कोई उन संकट के पलों को याद कर रो रहा था। साथ ही इन लोगों ने अपनी इच्छाएं भी व्यक्त कीं।

Asianet News Hindi | Published : Mar 31, 2020 8:50 AM IST

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2 महीने बाद अदृश्य दुश्मन को हराकर लौटे ये योद्धा, किसी के चेहरे पर गम, तो कोई अच्छे दिनों की कर रहा उम्मीद
चेंग चेन भी इन्हीं मेडिकल स्टाफ में से एक थीं। वे लौटकर काफी खुश हैं और अब वे वसंत का आनंद लेना चाहती हैं। चीन में पिछले दिनों कोरोना के संक्रमण के मामले तेजी से बढ़ रहे थे। हर रोज हजारों मरीज अस्पतालों में भर्ती हो रहे थे। इस विकट परिस्थिति में डॉक्टरों और मेडिकल स्टाफ ने हार नहीं मानी और मरीजों का इलाज किया।
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जिन लेई भी इन मेडिकलकर्मियों में से एक थीं। वे कहती हैं कि हमें मुश्किल वक्त में एकजुट रहना चाहिए। चीन में मेडिकल स्टाफ ने बिना किसी छुट्टी के कई हफ्तों तक अस्पताल में काम किया। इस दौरान उन्हें मास्क और स्पेशल शूट भी 20-20 घंटे तक पहनना पड़ा।
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हे पेई अन्हुई मेडिकल यूनिवर्सिटी में हैं। वे अब स्थिति काबू होने के बाद वुहान जाना चाहती हैं। वे यहां चेरी ब्लॉसम देखना चाहती हैं।
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फेंग वेंन्जुआन कहती हैं कि जल्द ही चीन पूरी तरह से कोरोना के खिलाफ लड़ाई को जीतेगा।
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चेन होंग कहती हैं कि उन्हें अपने बच्चे की बहुत याद आ रही है। दरअसल, चीन में इस महामारी के इलाज के वक्त ना जाने कितने ऐसे डॉक्टर और मेडिकल कर्मी हैं, जो कई महीनों से अपने घर नहीं गए। चेन उनमें से एक हैं।
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याओ अन्हुई मेडिकल यूनिवर्सिटी से हैं। वे कहती हैं कि इस युद्ध जैसी परिस्थिति के वक्त उन्हें दूध वाली चाय की काफी याद आई।
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जेंग कुई कहती हैं कि मुश्किल वक्त में देश को मजबूत रहना चाहिए।
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फेन टिंगटिंग गर्मियों का इंतजार कर रही हैं।
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लुओ अपने आप को और बेहतर बना सकें। ताकि कभी ऐसी मुश्किल वक्त में वे और मजबूती से पेश आएं।
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यांगफांग को उम्मीद है कि जल्द ही अच्छे दिन आएंगे।
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