Pandora Paper लीक से खुलासा हुआ है कि कैसे इमरान खान के एक प्रमुख राजनीतिक सहयोगी चौधरी मुनिस इलाही ने ब्लैक मनी को एक सीक्रेट ट्रस्ट के जरिये व्हाइट मनी में बदलने की प्लानिंग की थी। ICIJ ने कई बार इलाही से इस बारे में पूछा, लेकिन उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया। हालांकि उनके परिजनों का तर्क है कि राजनीतिक उत्पीड़न (political victimisation) के चलते उन्हें बदनाम किया जा रहा है।
ICIJ ने यह रिपोर्ट टैक्स के मामलों में काम करने वालीं 14 दूसरी फर्म (offshore services) की मदद से 11.9 मिलियन कॉन्फिडेंसियल डॉक्यूमेंट की जांच के बाद तैयार की है इसे दुनियाभर के 150 न्यूज आर्गेनाइजेशन से शेयर किया गया है। हालांकि पेपर लीक होने के बाद इमरान खान ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में इन सभी आरोपों को खंडन किया है।
पेंडोरा पेपर्स(Pandora Paper) से पता चलता है कि 2007 में, जनरल शफात उल्लाह शाह की पत्नी(जो उस समय पाकिस्तान के प्रमुख जनरलों में से एक थे) ने अवैध निवेश करके लंदन में 1.2 मिलियन डॉलर का एक अपार्टमेंट खरीदा था। शाह तत्कालीन राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ के सहयोगी थे। इसमें भारतीय फिल्म निर्देशक के आसिफ के बेटे अकबर आसिफ ने मदद की। ये लंदन और दुबई में रेस्टोरेंट चलाते हैं। पेंडोर पेपर से पता चलता है कि आसिफ के बाद ऑफशोर कंपनियों( इसे इंटरनेशनल फंड्स भी कहा जाता है। ऑफशोर फंड्स विदेशी बाजार में निवेश करने वाली म्यूचुअल फंड की स्कीम है) के जरिये करोड़ों की प्रॉपर्टी है। आसिफ की बहन हीना कौसर अंडरवर्ल्ड डॉन इकबाल मिर्ची(अब मौत) की बहन है। यह डी कंपनी का हिस्सेदार था।
फोटो-जनरल शफात उल्लाह शाह
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