काबुल. अफगानिस्तान में मानवाधिकारों (human rights) को किस तरह मसला जा रहा है, ये तस्वीरें यही दिखाती हैं। अफगानिस्तान पर अपना वर्चस्व बनाने की इस लड़ाई में आमजन बुरी तरह पिस चुके हैं। हालत यह है कि लोगों के पास अब न खाने को है और न रहने को घर। सबकुछ युद्ध में 'स्वाहा' हो चुका है। अमेरिका के अफगानिस्तान छोड़ने के बाद से तालिबान और अधिक आक्रामक हो चुका है। उसने अफगानिस्तान के 75 प्रतिशत हिस्से पर कब्जा कर लिया है। इस बीच अमेरिका ने कहा है कि तालिबान 90 दिनों के अंदर काबुल को कब्जे में कर लेगा। लोग अभी काबुल की तरफ भाग रहे थे, ताकि मौत से कुछ समय तक दूरी बनाई जा सके। यहां रोज दर्जनों कैम्प बन रहे हैं इस बीच दैनिक भास्कर ने खबर दी है कि तालिबान ने अफगानिस्तान के पूर्व उप राष्ट्रपति अब्दुल रशीद दोस्तम के बेटे यार मोहम्मद दोस्तम को जवज्जान एयरपोर्ट पर घेर लिया था, लेकिन भीषण लड़ाई के बाद वे बचकर निकल आए। उत्तरी अफगानिस्तान के बड़े नेताओं में शुमार दोस्तम ने 90 के दशक में नॉर्दर्न अलायंस तैयार किया था, जिसका मकसद तालिबान के खिलाफ लड़ना था। बुधवार का जब अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी मजार-ए-शरीफ गए थे, तब उन्होंने दोस्तम से मुलाकात की थी।। देखिए..मौत के बीच मासूमों की जिंदगी दिखातीं कुछ तस्वीरें...