30 दिसंबर, 2006, जब दुनिया से एक तानाशाह का अंत हुआ। सद्दाम हुसैन अब्द अल-माजिद अल-तिक्रिती दो दशक यानी 16 जुलाई, 1979 से 9 अप्रैल, 2003 तक इराक का राष्ट्रपति रहा। सद्दाम को 1982 में हुए दुजैल जनसंहार के मामले में फांसी की सजा सुनाई गई थी। सद्दाम ने 31 वर्ष की आयु में जनरल अहमद अल बक्र के साथ मिलकर इराक की सत्ता हथियाई थी। सद्दाम का जन्म 28 अप्रैल, 1937 को बगदाद के उत्तर स्थित तिकरित के पास अल-ओजा गांव में हुआ था। बचपन में ही इसके पिता का निधन हो गया था। मां ने देवर से निकाह कर लिया। इसके बाद मां ने तीसरा निकाह किया। बचपन से ही सद्दाम निर्दयी प्रवृत्ति का हो गया था। वो अपने साथ लोहे की छड़ रखता था। और किसी को भी पीटना शुरू कर देता था। वर्ष, 1958 में जब इराक में ब्रिटिश समर्थित सरकार के खिलाफ विद्रोह भड़का, तो ब्रिगेडियर अब्दुल करीम कासिम ने राजशाही हटाकर सत्ता हथिया ली। सद्दाम ने 1959 में अपनी गैंग के साथ मिलकर कासिम की हत्या की असफल कोशिश की थी। सद्दाम इराक से भागकर मिस्र चला गया। 1963 में जब कासिम के खिलाफ बाथ पार्टी में बगावत हुई, तो कर्नल अब्दुल सलाम मोहम्मद आरिफ ने सत्ता हथिया ली। सद्दाम तब मिस्र से लौट आया। सद्दाम हुसैन की जीवनी लिखने वाले कॉन कफलिन और 'सद्दाम हुसैन: द पॉलिटिक्स ऑफ रिवेंज' लिखने वाले सैद अबूरीश ने इस तानाशाह की कई शॉकिंग और रोचक कहानियां किताब में पेश की हैं।