जिस पार्टी ने पिता को जेल भेजा, 49 साल बाद उसी के बॉस बने जिनपिंग; Photo में देखें संघर्ष की कहानी

बीजिंग. चीन के राष्ट्र्रपति दो दिन के भारत दौरे पर हैं। इस दौरान उन्होंने दो बार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अनौपचारिक मुलाकात की। जिनपिंग का जीवन भी संघर्षों से भरा है। वे कहते हैं कि उन्होंने संघर्ष के तजुर्बों से ही जीवन में बहुत कुछ सीखा। जिनपिंग का कहना है कि वे आज जहां तक पहुंचे हैं, वह सब उस दौर के वजह से ही हुआ।

Asianet News Hindi | Published : Oct 12, 2019 8:45 AM IST

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जिस पार्टी ने पिता को जेल भेजा, 49 साल बाद उसी के बॉस बने जिनपिंग; Photo में देखें संघर्ष की कहानी
जिनपिंग का जन्म 1953 में हुआ। उनका बचपन और जवानी दोनों काफी संघर्ष में गुजरे। जिनपिंग के पिता कम्युनिस्ट पार्टी के संस्थापकों में से थे। 1963 में जब जिनपिंग 10 साल के थे, उनके पिता को पार्टी से निकाल दिया गया। वे एक कंपनी में कर्मचारी के तौर पर काम करने लगे। इसके बाद उन्हें जेल भेज दिया गया।
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जिनपिंग की बहन की मौत हो गई। उन्हें 13 साल की उम्र में ही पढ़ाई बंद करनी पड़ी। जब जिनपिंग 21 साल के थे, वे कम्युनिस्ट पार्टी के सदस्य बने। हालांकि, जिनपिंग जब 25 साल के थे, तो उनके पिता की दोबारा पार्टी में वापसी हुई, इसके लाभ जिनपिंग को मिला।
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1968 में चेयरमैन माओ ने एक फरमान जारी कर लाखों युवाओं को शहर छोड़कर गांवों में रहने के लिए कहा था। जिससे वे जिंदगी में आने वाली मुश्किलों का सामना करना सीखें। जिंदगी के उस दौर में जिनपिंग ने बहुत कुछ सीखा।
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जिनपिंग हमेशा एक आम इंसान की तरह ही नजर आते हैं। वे अकसर गरीबों के घर जाते हैं, छात्रों से भी बात करते हैं, कतारों में खड़े नजर आते हैं। 21वीं सदी में ऐसे कम ही नेता हैं जो गुफाओं में रहे, खेतों में मेहनत की। इसके बाद वे सत्ता के शिखर तक पहुंचे।
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जिनपिंग 2012 में चीन की कम्युनिस्ट पार्टी के नेता चुने गए। उन्हें आम सहमति से नेता बनाया गया। जिनपिंग ने सत्ता में आने के बाद पार्टी के नेताओं से लेकर उनके दफ्तर के साइज और बर्तनों को लेकर तक नए नियम बनाए।
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