कोलंबो(Colombo). ये तस्वीरें श्रीलंका की हैं, जहां अब सड़कों पर सेना की गाड़ियां दिखाई दे रही हैं। आर्थिक संकट(economic crisis in sri lanka) से जूझ रहा श्रीलंका गृहयुद्ध के मुहाने पर पहुंच गया है। देश में हिंसा के बाद सरकार ने उपद्रवियों को गोली मारने का आदेश दिया है। इसका असर दिखाई दे रहा है। उपद्रव थम-सा गया है। श्रीलंका में हिंसा को रोकने के लिए लगाए गए राष्ट्रव्यापी कर्फ्यू के बाद कोलंबो और उपनगरों की सड़कों पर श्रीलंकाई सैनिकों( military) की बड़ी उपस्थिति दिखाई दे रही है। सरकार समर्थकों( pro-government supporters) द्वारा कोलंबो में दो शांतिपूर्ण विरोध शिविरों गोटागोगामा और मैनागोगामा पर हमला बोलने के बाद सोमवार (9 मई) को हिंसा भड़क उठी थी। श्रीलंका सेना के विशेष बलों के कॉम्बैट राइडर्स स्क्वाड्रन(Combat Riders Squadron) के साथ ही बख्तरबंद कार्मिक वाहक कई क्षेत्रों में मोबाइल गश्त के लिए तैनात किए गए हैं। चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ और सेना के कमांडर(Chief of Defence Staff and Commander of the Army) जनरल शैवेंद्र सिल्वा(General Shavendra Silva) ने मीडिया से बात करते हुए लोगों से अपील की है कि बिना कोई खलल डाले अपने घरों में रहें। बता दें कि 18 साल पहले जब महिंदा राजपक्षे 2004 में श्रीलंका के 13वें पीएम बने थे, तब सुनामी(tsunami) ने देश में भारी तबाही मचाई थी। उस समय 40 हजार से अधिक लोगों की मौत हुई थी।