जिन वकीलों को दोषी करार दिया गया है, उनमें फरीदाबाद बार एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष ओपी शर्मा, उनके पुत्र गौरव शर्मा, जिला बार एसोसिएशन के एक अन्य पूर्व अध्यक्ष एलएन पाराशर और कैलाश वशिष्ठ शामिल हैं।
फरीदाबाद. कैंटीन व पार्किंग विवाद को लेकर वर्ष 2006 में फरीदाबाद की अदालत में हुए गोलीकांड को लेकर कोर्ट ने चार वकीलों को दोषी करार दिया है। इन वकीलों को 12 मार्च को सजा सुनाई जाएगी। चारों वकीलों को पुलिस ने हिरासत में लेकर उनका सिविल अस्पताल में मेडिकल करवाया।
आरोपियों में बार एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष भी शामिल
उल्लेखनीय है कि जिन वकीलों को दोषी करार दिया गया है, उनमें फरीदाबाद बार एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष ओपी शर्मा, उनके पुत्र गौरव शर्मा, जिला बार एसोसिएशन के एक अन्य पूर्व अध्यक्ष एलएन पाराशर और कैलाश वशिष्ठ शामिल हैं। पुलिस प्रवक्ता के मुताबिक 31 मार्च, 2006 को कैंटीन के साथ पार्किंग को लेकर विवाद शुरू होने के बाद गरमागरमी शुरू हो गई थी और विवाद इतना बढ़ा कि एक पक्ष ने दूसरे पक्ष पर गोली चला दी । इसमें कुछ लोग घायल हुए थे। इससे वहां अफरातफरी का माहौल बन गया।
इस मामले में पुलिस ने 24 लोगों को आरोपी बनाया था
उन्होंने बताया कि इस मामले में थाना सेंट्रल पुलिस में कुल 24 लोगों को आरोपित बनाया था, लेकिन 20 लोगों को सबूतों के अभाव में कोर्ट ने बरी कर दिया है। बता दें कि गोली लगने से वकील राकेश भड़ाना घायल हुए थे और इसके बाद इस मामले ने तूल पकड़ लिया था, तभी से यह मामला अदालत में विचाराधीन था और शनिवार को जिला अदालत के न्यायाधीश राजेश गर्ग ने चारों वकीलों को दोषी करार दिया अब होली के बाद 12 मार्च को सजा सुनाने की तिथि निश्चित की गई है।
वकीलों का आरोप उन्हें साजिश के तहत फंसाया गया
दूसरी ओर उच्चतम न्यायालय के एक अधिवक्ता ब्रह्मदत्त ने बताया कि वह अदालत के इस फैसले से बिल्कुल भी सहमत नहीं है, 12 तारीख को अदालत में जमानत के लिए अपील करेंगे और वह केस भी जीतेंगे, उनके वकील साथियों को एक साजिश के तहत फंसाया गया है।
(ये खबर न्यूज एजेंसी पीटीआई/भाषा की है। एशियानेट हिन्दी न्यूज ने सिर्फ हेडिंग में बदलाव किया है।)
(फाइल फोटो)