
अभय चौटाला ऐलनाबाद से इनेलो के उम्मीदवार हैं।
पानीपत/चंडीगढ़। इस बार हरियाणा चुनाव में सरकार चाहे जिसकी बने या बिगड़े, मगर एक बात साफ हो जाएगी। विधानसभा चुनाव के नतीजों में पता चल जाएगा कि राज्य में आखिर पूर्व उप प्रधानमंत्री चौधरी देवीलाल का असली वारिस कौन है? इनेलो और जेजेपी में इस वक्त चौधरी देवीलाल की विरासत को लेकर भी एक जंग है।
विरासत की इसी जंग में पार्टी दो फाड़ हुई और परिवार के लोग एक दूसरे को पीछे छोड़ने की होड़ में शामिल हैं। अभय चौटाला इस वक्त विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष हैं।
भाई को जेल होने के बाद किया इनेलो का नेतृत्व
जेबीटी भर्ती घोटाले में राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री ओमप्रकाश चौटाला और बड़े भाई अजय चौटाला को सजा होने के बाद अभय चौटाला ने ही इनेलो का नेतृत्व किया। वो ऐलानाबाद से लगातार दो बार विधायक चुने गए। पहली बार 2009 में यहां से विधायक चुने गए थे। अभय कई खेल एसोसिएशन के पदाधिकारी भी रह चुके हैं।
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अभय खेलों में रखते हैं रूचि
अभय चौटाला को खेलों से सिर्फ लगाव भर नहीं है। वो वॉलीबाल के प्लेयर भी हैं। उन्होंने अंतरराज्यीय मैचों में कई मैडल भी जीते हैं। इनेलो के इस नेता को जमीनी माना जाता है। मगर परिवार में फूट के बाद उन्हें अब राजनीतिक मुश्किलों का सामना करना पड़ता है।
हालांकि कार्यकर्ताओं के साथ इनके बेहतर संबध हैं। वे सीधा संवाद करते हैं। इनेलो को पार्टी में टूट का बहुत नुकसान उठाना पड़ रहा है।
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