
सोनीपत : हरियाणा (Haryana) की पुलिस ने लिंग जांच के गोरखधंधे का पर्दाफाश किया है। पूछताछ में चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं। सारा गोरखधंधा कोड वर्ड में चला रहा था। पुलिस गिरफ्त में आए महिला और एक शख्स ने चौंकाने वाले खुलासे किए हैं। आरोपियों में निजी अस्पताल का तकनीशियन है और एक महिला। दोनों को पुलिस ने पैसे लेते रंगेहाथों पकड़ा है।
कोड वर्ड्स में चल रहा था कारोबार
'मिठाई अच्छी बनी है' तो लड़का, 'मिठाई में कमी है' तो लड़की होने की सूचना दी जाती थी। भ्रूण लिंग जांच गिरोह के यह कोड वर्ड होते थे, जिनका वे इस्तेमाल करते थे। यह खुलासा भ्रूण लिंग जांच में पकड़े गए आरोपियों से पूछताछ के दौरान हुआ है। भ्रूण लिंग जांच के आरोप में गिरफ्तार निजी अस्पताल के तकनीशियन दीपक और आरोपी महिला मीना को पुलिस ने रिमांड के बाद कोर्ट में पेश किया, जहां से उन्हें जमानत मिल गई।
इसे भी पढ़ें-नहीं देखें होंगे ऐसे अनोखे भक्त: जो 9 दिन तक सीने पर गंगाजल से भरे 21 कलश रख करते दुर्गा मां की कठिन साधना
5 अक्टूबर को हुई थी गिरफ्तारी
जिला PNDT अधिकारी डॉ. स्वराज चौधरी ने स्वास्थ्य विभाग की टीम के साथ 5 अक्तूबर को बहालगढ़ रोड के पास चल रहे एक निजी अस्पताल के तकनीशियन दीपक को भ्रूण लिंग जांच के नाम पर 40 हजार रुपये लेते पकड़ा। उसके साथ एक महिला मीना भी स्वास्थ्य विभाग के हाथ लगी। उन्हें रिमांड पर लिया गया। पूछताछ में उन्होंने दिल्ली (Delhi) के दलाल से संपर्क होने की बात कुबूली है। उनके मोबाइल से कई आईडी भी मिली है। वे गाजियाबाद (Ghaziabad) के सेंटरों पर ले जाकर भ्रूण लिंग जांच कराते थे। पुलिस आरोपियों अब दलाल की तलाश में है।
क्या कहता है कानून
1. गर्भधारण से पूर्व् और प्रसव पूर्व निदान तकनीक अधिनियम, 1994 के तहत गर्भाधारण पूर्व या बाद लिंग चयन और जन्म से पहले कन्या भ्रूण हत्या के लिए लिंग परीक्षण करना गुनाह है।
2. भ्रूण परीक्षण के लिए सहयोग देना और विज्ञापन करना कानूनी अपराध है। इसके तहत 3 से 5 साल तक की जेल और 10 हजार से 1 लाख रुपये तक का जुर्माना हो सकता है।
3. गर्भवती महिला का जबरदस्ती गर्भपात करवाना भी अपराध है। ऐसा करने पर आजीवन कारावास की सजा हो सकती है।
4. धारा 313 के तहत गर्भवती महिला की मर्जी के बिना गर्भपात करवाने वाले को आजीवन कारावास या जुर्माने से भी दंडित किया जा सकता है।
5. धारा 314 के तहत गर्भपात करने के मकसद से किए गए कार्यों से अगर महिला की मौत हो जाती है तो 10 साल की कारावास या जुर्माना या दोनों हो सकते हैं।
6. IPC की धारा 315 के तहत बच्चे को जीवित पैदा होने से रोकने या जन्म के बाद उसकी मृत्यु मकसद से किया गया कार्य अपराध होता है, ऐसा करने वाले को 10 साल की सजा या जुर्माना दोनों हो सकता है।
इसे भी पढ़ें-लखीमपुर: ये रहे SIT के 15 सवाल, जिनमें बुरा फंसा मंत्री का बेटा आशीष, हर दांव पड़ा उल्टा..जानिए पूरी कहानी
हरियाणा की राजनीति, कृषि-किसान मुद्दे, खेल उपलब्धियां, शिक्षा-रोजगार अपडेट्स और जिले-वार खबरें अब तुरंत पाएं। गुरुग्राम, फरीदाबाद, रोहतक समेत पूरे राज्य की रिपोर्टिंग के लिए Haryana News in Hindi सेक्शन देखें — भरोसेमंद खबरें Asianet News Hindi पर।