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नहीं देखें होंगे ऐसे अनोखे भक्त: जो 9 दिन तक सीने पर गंगाजल से भरे 21 कलश रख करते दुर्गा मां की कठिन साधना
पटना (बिहार). पूरे देश में नवरात्रि का पर्व बड़ी ही धूम-धाम से मनाया जा रहा है। नवरात्र में लोग अलग अलग तरह से अनुष्ठान करते हैं। घरों में घट स्थापना होती है तो पंडालों में देवी मां की मर्ति रखी हुई है। हर कोई नौ दिनों तक मां दुर्गा को प्रसन्न करनेके लिए उनकी अराधना में डूबा हुआ है। बिहार के पटना से ऐसी एक भक्त की अनोखी भक्ति सामने आई है। जो नवरात्रों के दौरान 9 दिनों तक अपने सीने पर 21 कलश रख कर माता की पूजा करते हैं। आइए जानते हैं इस अद्भुत भक्त की अनोखी कहानी....
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दरअसल, देवी मां की अनोखी भक्ति करने वाले यह भक्त नागेश्वर बाबा हैं जो कि मूल रुप से दरभंगा जिले के कुशेश्वर इलाके के रहने वाले हैं। वह इन दिनों न्यू सचिवालय के पास पटना के नौलखा मंदिर में सीने पर कलश रखकर पूजा में लीन हैं। उनकी भक्ति करने का जो तरीका है, शायद ही किसी ने ऐसी आस्ता का रंग देखा होगा। पुजारी ने बताया, "अगले 9 दिनों तक मैं मां के चरणों में ये 21 कलश लेकर लेटा रहूंगा।
बाबा नागेश्वर ऐसा पहली बार नहीं कर रहे हैं, वह बीते 25 सालों से शारदीय नवरात्र में अपने सीने पर कलश रखकर पूजा करते हैं। यही यह उनका माता की भक्ति करने का तरीका है। जब लोगों ने उनसे पूछा की आप इतनी कठिन साधना क्यों करते हो तो उनका कहना है कि मुझे ऐसा करने कि शक्ति माता से ही मिलती है।
बाबा नागेश्वर वर्ष 1996 से इस तरह से कलश स्थापित कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि पहले साल उन्होंने सीने पर एक कलश रखा था। बाद में कलशों की संख्या में बढ़ोतरी होते गई और अब बीते तीन साल से सीने पर 21 कलश रखकर नवरात्र में मां की पूजा कर रहे हैं।
बता दें कि बाबा नागेश्वर करीब 25 साल पहले रोजी रोटी के चलते दरभंगा जिले के कुशेश्वर इलाके से पटना में आए थे। अपना पेट भरने और परिवार को पालने के लिए होटलों में काम तक करना पड़ा।
बाबा नागेश्वर ऐसा पहली बार नहीं कर रहे हैं, वह बीते 25 सालों से शारदीय नवरात्र में अपने सीने पर कलश रखकर पूजा करते हैं। यही यह उनका माता की भक्ति करने का तरीका है। जब लोगों ने उनसे पूछा की आप इतनी कठिन साधना क्यों करते हो तो उनका कहना है कि मुझे ऐसा करने कि शक्ति माता से ही मिलती है।