कांग्रेस को हुड्डा के जोड़ का दूसरा नेता अबतक नहीं मिल पाया है। 72 साल के बुजुर्ग पर ही रहा पूरा चुनावी अभियान। दो बार मुख्यमंत्री रहे। कारों हथियारों के शौकीन।
कांग्रेस के दिग्गज नेता हुड्डा गढ़ी सांपला से विधानसभा का चुनाव लड़ रहे हैं।
रोहतक/चंडीगढ़। हरियाणा में कांग्रेस के पास दो बार राज्य के मुख्यमंत्री रहे सीनियर लीडर भूपेंद्र सिंह हुड्डा का कोई विकल्प नहीं मिला है। यही वजह है कि तमाम आंतरिक विरोध के बावजूद 72 साल के हुड्डा के नेतृत्व में ही पार्टी ने चुनाव में जाना मुनासिब समझा।
हुड्डा का जन्म रोहतक जिले के मशहूर जाट परिवार में हुआ था। इनके पिता स्वतंत्रता संग्राम सेनानी थे। हुड्डा लॉ ग्रैजुएट हैं। इन्होंने पंजाब और दिल्ली यूनिवर्सिटी से उच्च शिक्षा प्राप्त की है। कांग्रेस की यूथ विंग से राजनीति की शुरुआत हुई। रोहतक लोकसभा सीट पर 1991 से चार बार सांसद बनने में भी कामयाब हुए। इनेलो की सरकार को हराकर पहली बार राज्य के मुख्यमंत्री बने। 2009 के चुनाव में भी सत्ता बचाने में कामयाब रहे और लगातार दूसरी बार मुख्यमंत्री बने। यह पिछले तीन दशक के दौरान कांग्रेस की राजनीति में एक रिकॉर्ड भी है।
बहुत कम लोगों को यह पता है कि कांग्रेस का ये दिग्गज पंजाब और हरियाणा बार काउंसिल में मेम्बर भी हैं। हुड्डा के दो बेटे हैं। एक बेटा 2004 से 2019 तक रोहतक से पार्टी के सांसद भी रहे। हालांकि 2019 के लोकसभा चुनाव में उनकी हार के साथ राज्य से कोई सांसद नहीं चुना गया।
हरियाणा के पूर्व सीएम को हथियारों और कारों का भी बहुत शौक है। विधानसभा चुनाव में नामांकन के दौरान उनकी संपत्ति का ब्यौरा सामने आया था। इनके पास करीब 15.66 करोड़ की संपत्ति है। इसमें एक राइफल, पिस्तौल और एक रिवॉल्वर भी है।
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