हरियाणा के सिरसा में रहने वाली मनुरीत अनेजा और खुशी शर्मा यूक्रेन से लौटी हैं। दोनों ही बचपन की सहेलियां हैं। वह सिरसा में भी एक स्कूल में पढ़ती थी और डॉक्टर बनने के लिए तीन महीने पहले यूक्रेन भी एक साथ गई थीं। लेकिन जब रूस और यूक्रेन के बीच तनाव बढ़ा तो वह यही सोचती थीं कि कब वह अपने देश पहुंच जाएं।
पानीपत (हरियाणा). रूस और यूक्रेन के हालात बिगड़ चुके हैं, अब युद्ध चरम पर पहुंच चुका है। दोनों ही देश हथियार डालने के मूड में नहीं दिख रहे हैं। रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध के दूसरे दिन भी बॉर्डर से चंद किलोमीटर की दूरी पर भारत के कई छात्र दूसरे दिन भी फंसे हुए हैं। कुछ भारत आ चुके हैं, लेकिन अभी सैंकड़ों स्टूडेंट नहीं आ पाए हैं। इसी बीच हरियाणा की दो बेटियां यूक्रेन से लौट आई हैं। उनके सलामत आने से दोनों के परिवार बेहद खुश हैं। लेकिन इन लड़कियों को लौटने की खुशी कम वहां पर छूटे अपने दोस्तों की टेंशन ज्यादा सता रही है।
एक साथ बचपन में पढ़ीं और साथ गई थीं यूक्रेन
दरअसल, हरियाणा के सिरसा में रहने वाली मनुरीत अनेजा और खुशी शर्मा यूक्रेन से लौटी हैं। दोनों ही बचपन की सहेलियां हैं। वह सिरसा में भी एक स्कूल में पढ़ती थी और डॉक्टर बनने के लिए तीन महीने पहले यूक्रेन भी एक साथ गई थीं। लेकिन जब रूस और यूक्रेन के बीच तनाव बढ़ा तो वह यही सोचती थीं कि कब वह अपने देश पहुंच जाएं। अब आने के बाद भी वह खुश तो हैं, लेकिन उन्हें हर पल यूक्रेन में फंसे अपने दोस्तों की सुरक्षा की चिंता सता रही है।
दिन रात दोनों को सता रही एक ही टेंशन
मीडिया से बात करते हुए मुनरीत अनेजा और खुशी शर्मा ने बताया कि यहां आने के बाद जब हमने यूक्रेक के अपने दोस्तों को कॉल किया तो पता चला कि वहां ब्लैक आउट कर दिया गया है। इंटरनेट बंद होन के कारण उनसे बात नहीं हो पा रही है। उनके पास ना तो खाने का सामान बचा है और ना ही पैसे बजे हैं। पता नहीं वह किस हाल में होंगे, हमे दिन रात उनकी ही टेंशन लगी रहती है।
दोनों सहेलियों ने सुनाया आखों देखा हाल
दोनों लड़कियों ने मौके का आंखों देखा हाल बताया है। उन्होंने कहा- लवीव यूनिवर्सिटी में बड़ी संख्या में भारती स्टूडेंट फंसे हैं। जो डर के साए में हैं। उन्हें वहां खाने-पीने की दिक्कत हो रही है। वहां कभी भी लाइट बंद हो सकती है। अब उनके पास पैसे नहीं बचे हैं। ट्रांसपोर्टर कालाबाजारी कर रहे हैं। बैंक बंद हैं, और हर कोई सुविधा देने के नाम पर कई गुना पैसे मांग रहा है। हम भारत सरकार से अपील करते हैं कि वह वहां पर फंसे छात्रों को जल्द से जल्द निकाले।
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